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सूरज हत्याकांड में पूर्व आईजी जैदी सहित आठ को उम्रकैद

05:00 AM Jan 28, 2025 IST
सूरज हत्याकांड में पूर्व आईजी जैदी सहित आठ को उम्रकैद
जहूर हैदर जैदी । फाइल फोटो
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मनीमाजरा (चंडीगढ़), 27 जनवरी (हप्र)
वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के कोटखाई में हुए बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म व हत्याकांड में गिरफ्तार आरोपी सूरज की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत ने सोमवार को दोषी पुलिस कर्मियों की सजा पर फैसला सुनाया। कोर्ट ने मामले में दोषी पूर्व आईजी जहूर हैदर जैदी समेत आठ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले सीबीआई कोर्ट ने सोमवार सुबह दोषियों से उनकी आखिरी अपील सुनी।
हिमाचल के इतिहास में संभवत: यह पहली बार है जब किसी मामले की जांच कर रही एसआईटी को ही उम्रकैद की सजा हुई हो। गत 18 जनवरी को सीबीआई कोर्ट ने गवाहों के बयान व सबूतों के आधार पर दोषी करार देने के बाद यह सजा सुनाई। जैदी के अलावा तत्कालीन डीएसपी मनोज जोशी, पुलिस सब इंस्पेक्टर राजिंद्र सिंह, एएसआई दीप चंद शर्मा, मानक मुख्य आरक्षी मोहन लाल व सूरत सिंह, मुख्य आरक्षी रफी मोहम्मद और कांस्टेबल रनीत सटेटा बुड़ैल जेल में बंद हैं।
आरेाप है कि सूरज की गुड़िया हत्याकांड के 14 दिन बाद कोटखाई थाने के लॉकअप में हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने हत्या का आरोप दूसरे पर लगाया था। इस पर गुस्साए लोगों ने थाने समेत कई गाड़ियाें को आग लगा दी थी।
गौरतलब है कि शिमला जिले के कोटखाई में 4 जुलाई, 2017 को लापता हुई 16 वर्षीय छात्रा का शव कोटखाई के तांदी के जंगल में निर्वस्त्र मिला था। मामले की जांच के लिए शिमला के तत्कालीन आईजी जैदी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की गई थी, जिसने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी नेपाली युवक सूरज की कोटखाई थाने में पुलिस हिरासत के दौरान लॉकअप में मौत हो गई थी। मौत का यह मामला जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया गया। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि सूरज की मौत पुलिस प्रताड़ना के कारण हुई थी। इसी आधार पर सीबीआई ने आईजी जैदी सहित मामले से जुड़े नौ अन्य पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या की धारा 302 सहित अन्य कई संगीन धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। वर्ष 2017 में इस मामले को शिमला जिला अदालत से चंडीगढ़ सीबीआई अदालत में ट्रांसफर कर दिया गया। उसके बाद कई बार सुनवाई हुई और अब कोर्ट ने सजा सुनाई है।

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