बदले राजनीतिक हालात में पूर्व सीएम मनोहर ने संभाला मोर्चा
चंडीगढ़, 9 मई (ट्रिन्यू)
हरियाणा में विपक्ष राज्य की नायब सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए मजबूर करने में जुटा है। वहीं पूर्व सीएम और करनाल से भाजपा प्रत्याशी मनोहर लाल ने बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों को कंट्रोल करने के लिए कमान अपने हाथों में ले ली है। तीन निर्दलीय विधायकों द्वारा समर्थन वापसी के बाद अल्पमत में आई नायब सरकार को स्थिर करने के लिए मनोहर लाल ने मोर्चा संभाल लिया है।
बृहस्पतिवार को उन्होंने पानीपत में जननायक जनता पार्टी के तीन विधायकों के साथ बैठक की। परिवहन मंत्री महिपाल ढांडा के आवास पर हुई बैठक में टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र सिंह बबली, बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग और नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में तीनों विधायकों का मन टटोला गया। हालांकि ये तीनों ही विधायक लम्बे समय से भाजपा के साथ खड़े हैं और पार्टी के साथ संपर्क बनाए हुए है।
बताते हैं कि भाजपा आगे की एडवांस तैयारी करके चल रही है। हालांकि फिलहाल फ्लोर टेस्ट की कम ही संभावना नजर आ रही है। फिर भी अगर किसी स्टेज पर फ्लोर टेस्ट करना पड़ा तो सरकार बहुमत का आंकड़ा साबित करने की कोशिश में है। माना जा रहा है कि इसी वजह से जजपा विधायकों के साथ भाजपा ने संपर्क तेज कर दिया है। वहीं दूसरी ओर, जजपा ने तीनों विधायकों – देवेंद्र बबली, रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग को नोटिस जारी कर दिया है।
तीनों ही विधायकों से जवाब तलब किया है। रामनिवास सुरजाखेड़ा विगत दिवस नरवाना हलके में भाजपा की विजय संकल्प रैली में सीएम नायब सिंह सैनी के साथ स्टेज शेयर कर चुके हैं। उन्होंने सिरसा से भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर के लिए वोटों की अपील भी की। इसी तरह से बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग हिसार से भाजपा प्रत्याशी चौ़ रणजीत सिंह के लिए चुनाव प्रचार कर चुके हैं। वे रणजीत सिंह को समर्थन देने का सार्वजनिक तौर पर ऐलान भी कर चुके हैं।
इसे ही बेस बनाते हुए जजपा ने दोनों विधायकों को नोटिस जारी किया है। वहीं देवेंद्र बबली को पार्टी के खिलाफ की जा रही बयानबाजी के आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया है। बबली ने विगत दिवस यहां तक कह दिया था – दुष्यंत चौटाला को कांग्रेस का समर्थन करने से पहले विधायकों से विचार-विमर्श करना चाहिए था। जजपा विधायकों की नेतृत्व के साथ चल रही नाराजगी के बीच पानीपत में पूर्व सीएम के साथ हुई मुलाकात राजनीतिक व प्रशासनिक गलियारों में चर्चाओं का विषय बन गई है। सूत्रों का कहना है कि देवेंद्र सिंह बबली इस कोशिश में हैं कि जजपा के 10 में से छह असंतुष्ट विधायकों को साधकर पार्टी पर कब्जा कर लिया जाए और दुष्यंत चौटाला को नेता के पद से हटा दिया जाए, लेकिन इस कार्य के लिए बबली को एक विधायक की जरूरत पड़ेगी। पानीपत में जजपा के तीन विधायकों से मुलाकात के बाद पूर्व सीएम मनोहर लाल ने कहा - विपक्ष अपने गणित का ही अनुमान न लगाए। दूसरे के गणित को भी समझे। कांग्रेस और जजपा के कई विधायकों से भाजपा के व्यक्तिगत अच्छे संबंध हैं। फ्लोर टेस्ट से पहले विपक्ष को राज्यपाल को संतुष्ट करना होगा।