वन विभाग ने बंदरों को पकड़ने के लिए दी क्लीन चिट
हिसार, 2 दिसंबर (हप्र)
शहर में बढ़ रहे बंदरों के आतंक को देखते हुए हिसार संघर्ष समिति ने नगर निगम को पत्र लिखकर एवं मिलकर बंदरों को पकड़ने की मांग उठाई थी जिस पर नगर निगम ने गेंद को वन विभाग के पाले में डालते हुए बंदरों को छोड़ने संबंधी अनुमति लिए जाने की बात की थी।
इसी सिलसिले में सोमवार समिति के अध्यक्ष जितेंद्र श्योराण व निवर्तमान पार्षद जगमोहन मित्तल हिसार के जिला वन्य एवं जीव जन्तु विभाग के डीएफओ वीरेंद्र कुमार गोदारा से उनके कार्यालय में जाकर मिले और उन्हें एक पत्र सौंपते हुए बंदरों को पकड़ने व उन्हें छोड़ने के क्षेत्र के संबंध में स्थिति स्पष्ट करने का अनुरोध किया। जिस पर डीएफओ वीरेंद्र कुमार गोदारा ने बताया कि हमारे अधीनस्थ बंदरों को छोड़ने संबंधी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है और अब नए कानून के तहत निगम बंदरों को पकड़ कर शहर से दूर छोड़ सकता है।
इस संबंध में उन्होंने चंडीगढ़ के उच्च अधिकारी पीसीसी विनीत गर्ग से भी फोन पर जितेंद्र श्योराण की बात करवाई। उन्होंने आश्वस्त किया कि 2022 के कानून में बंदरों को वाइल्ड लाइफ एक्ट से हटा दिया गया है और कुत्तों की भांति ही बंदरों को पकड़ कर आबादी से दूर शहर के वन क्षेत्र में छोड़ा जा सकता है।
पीसीसी विनीत गर्ग ने बताया कि निगम कमिश्नर वैशाली शर्मा ने भी मेल के माध्यम से बंदर पकड़कर छोड़ने संबंधी जानकारी मांगी थी जिस पर उनके समक्ष भी स्थिति स्पष्ट कर दी गई थी कि बंदरों को पकड़कर छोड़ सकते हैं।
जितेंद्र श्योराण ने कहा कि बार-बार अनुरोध के बाद भी तथा वन्य एवं जीव जन्तु विभाग की क्लियरेंस के बाद भी निगम द्वारा बंदरों को नहीं पकड़ा जा रहा।
बंदरों का आतंक शहर में इतना बढ़ गया है कि आए दिन किसी बच्चे, बुजुर्ग, महिला इत्यादि को काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं और शहर में बंदरों का उत्पात बढ़ता रहा है।