For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

जल्द मिलेगी फोरेस्ट क्लीयरेंस, मंत्रालय जारी करेगा नोटिफिकेशन

08:26 AM Jun 23, 2024 IST
जल्द मिलेगी फोरेस्ट क्लीयरेंस  मंत्रालय जारी करेगा नोटिफिकेशन
Advertisement

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 22 जून
राजधानी चंडीगढ़ में ही हरियाणा विधानसभा के नये भवन की राह के रोड़े हटने वाले हैं। अगले कुछ दिनों में ही यूटी प्रशासन की ओर से ऑफर की गई दस एकड़ जमीन हरियाणा को मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं वन्य जीव मंत्रालय ने इको सेंसेटिव जोन के लिए नये नियम तय किए हैं। ऐसे में हरियाणा की ओर से यूटी प्रशासन को 10 एकड़ के बदले में दी जाने वाली 12 एकड़ जमीन पर निर्माण संभव हो पाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जमीन के लिए पहले ही यूटी प्रशासन को निर्देश दिए हुए हैं। दरअसल, यूटी प्रशासन को हरियाणा सरकार की ओर से 10 एकड़ जमीन के बदले 12 एकड़ जमीन देने की पेशकश की गई। इस बात पर दोनों सहमत भी हो गए, लेकिन यूटी ने कहा कि वह बदले में जमीन तभी लेगा जब जमीन इको सेंसेटिव जोन से बाहर होगी। दरअसल, यूटी को सुखना लेक के एंडिंग प्वाइंट यानी पंचकूला के एमडीसी के सेक्टर-2 के नजदीक 12 एकड़ जमीन देने की ऑफर हरियाणा ने की थी।
यह जमीन इको सेंसेटिव जोन में आती थी। इस जोन में निर्माण कार्यों पर रोक लगी थी। हरियाणा सरकार ने इस संदर्भ में केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय से बात की गई। प्रपोजल बनाकर भेजा गया। पर्यावरण मंत्रालय ने सुखना के आसपास के एरिया में इको सेंसेटिव जोन के लिए नये नियम तय किए हैं। इसका ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी करके मंत्रालय आम लोगों से आपत्तियां एवं सुझाव भी आमंत्रित कर चुका है। इसके लिए दो महीने का समय दिया गया था, जो अब पूरा हो चुका है। बताते हैं कि कोई खास आपत्ति ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन को लेकर नहीं आई है। ऐसे में अब मंत्रालय की ओर से अगले कुछ दिनों में इको सेंसेटिव जोन को लेकर फाइनल नोटिफिकेशन जारी किया जा सकता है। यह नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यूटी प्रशासन को जमीन लेने में किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने विगत दिवस ही केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से इस संदर्भ में बात की है। उनकी ओर से सकारात्मक जवाब मिला।
मंत्रियों के ऑफिस भी होंगे : मौजूदा विधानसभा में स्पीकर, डिप्टी स्पीकर के अलावा सीएम व संसदीय कार्य मामले मंत्री के कार्यालय हैं। विधानसभा सचिव व अन्य अधिकारियों के दफ्तर हैं। नयी विधानसभा में स्पीकर सचिवालय अलग से होगा। इसके अलावा सीएम, डिप्टी सीएम, नेता प्रतिपक्ष के अलावा सभी मंत्रियों के कार्यालय और उनके स्टाफ के बैठने का प्रबंध होगा। इसी तरह से विधानसभा की सभी कमेटियों के चेयरमैन और उनके स्टॉफ के लिए कार्यालय बनेंगे।
रेलवे लाइट प्वाइंट के पास मिलेगी जमीन
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशों के बाद यूटी प्रशासन ने नयी विधानसभा के लिए हरियाणा सरकार को तीन साइट्स दिखाई थीं। हरियाणा ने विधानसभा के लिए रेलवे लाइट प्वाइंट के पास आईटी पार्क रोड पर लगती जमीन को फाइनल किया गया। यह जमीन रेलवे व कलाग्राम रेड लाइट प्वाइंट के बीच में पड़ती है। यहां यूटी प्रशासन के पास कुल 55 एकड़ जमीन है। इसमें से 10 एकड़ जमीन हरियाणा को नयी विधानसभा के लिए मिलेगी।
मॉडर्न होगी नयी विधानसभा
हरियाणा विधानसभा सचिवालय की ओर से नयी विधानसभा के लिए कई राज्यों के विधान भवनों का दौरा किया गया। इनमें उत्तर प्रदेश व राजस्थान सहित कई बड़े राज्यों की पुरानी विधानसभा के अलावा तेलंगाना और अरुणाचल प्रदेश के नये विधान भवन भी हैं, जिनका दौरा हरियाणा की टीम ने किया। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने इसके लिए डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा की अध्यक्षता में विधानसभा की कमेटी का गठन किया हुआ है। नयी विधानसभा पूरी तरह से मॉडर्न होगी और इसमें सभी प्रकार की सुविधाएं होंगी।
तब होंगे 126 से 135 विधायक
नयी विधानसभा की जरूरत इसलिए पड़ेगी, क्योंकि मौजूदा विधानसभा में 90 सदस्यों से अधिक के बैठने की क्षमता नहीं है। 2028 के संभावित परिसीमन में विधायकों की संख्या बढ़नी तय है। वर्तमान में राज्य में लोकसभा की दस सीट हैं। अगर ये बढ़कर 14 होती हैं तो विधानसभा हलके बढ़कर 126 हो जाएंगे। लोकसभा की सीट 15 होने की सूरत में विधानसभा हलकों की संख्या 135 होगी। नयी विधानसभा का भवन अगले 50 से 60 वर्षों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। यानी विधानसभा में सदस्यों की संख्या अगर 200 तक भी होगी तो नये भवन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी।

नये विधानसभा भवन के लिए जमीन फाइनल की जा चुक है। इको सेंसेटिव जोन का ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन जारी हो चुकी है। फाइनल नोटिफिकेशन जल्द जारी होने वाली है। इसके बाद यूटी को एमडीसी सेक्टर-2 की 12 एकड़ जमीन लेने में दिक्कत नहीं आएगी। पर्यावरण मंत्रालय ने इको सेंसेटिव जोन के लिए नये नियम तय किए हैं। जमीन मिलते ही इसका ड्राइंग तैयार करवाई जाएगी। सरकार के पास नये भवन के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। हम जमीन मिलने के बाद जल्द ही निर्माण शुरू करवा देंगे।

Advertisement

-ज्ञानचंद गुप्ता, स्पीकर

Advertisement
Advertisement
Advertisement