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सोनीपत में पहली बार जींद की ‘चौधर’, ब्रह्मचारी बने सरताज

11:36 AM Jun 08, 2024 IST
सोनीपत में पहली बार जींद की ‘चौधर’  ब्रह्मचारी बने सरताज
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जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 7 जून
1977 में अस्तित्व में आई सोनीपत संसदीय सीट से पहली बार जींद जिले का सांसद बना है। कांग्रेस द्वारा इस बार सोनीपत से जींद जिले के गांगोली गांव के सतपाल ब्रह्मचारी पर दांव लगाना एकदम सही साबित हुआ।

जींद के दम पर ही कांग्रेस ने सोनीपत संसदीय सीट पर जीत हासिल कर भाजपा के इस गढ़ को भेद दिया। सोनीपत संसदीय क्षेत्र से अब तक जींद जिले का कोई भी नेता संसद नहीं बन पाया था।

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इसकी बड़ी वजह यह रही थी कि सोनीपत सीट पर जींद जिले के किसी नेता पर कभी किसी राष्ट्रीय दल ने टिकट के मामले में भरोसा नहीं दिखाया।

2004 में केवल इनेलो ने सोनीपत से जींद जिले के शामलो कलां गांव की बहु कृष्णा मलिक पर दांव लगाया था।

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कृष्णा मलिक की ससुराल जींद जिले के जुलाना विधानसभा क्षेत्र के शामलो कलां गांव में है, जबकि उनका मायका सोनीपत जिले का बिचपड़ी गांव में है।

उनका जींद और सोनीपत दोनों जिलों से इस तरह का कनेक्शन होने के बावजूद कृष्णा मलिक 2004 में सोनीपत से भाजपा के किशन सिंह सांगवान से चुनाव हार गई थी।

2004 से पहले और 2004 के बाद 2019 तक किसी क्षेत्रीय या राष्ट्रीय दल ने जींद के किसी नेता पर सोनीपत में दांव नहीं लगाया था।

ब्रह्मचारी जिले के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल दो बरोदा और खरखोदा से ही बढ़त हासिल कर पाए थे, जबकि उन्हें सोनीपत में बहुत करारी हार मिली थी। गन्नौर, गोहाना और राई में उन्हें हार मिली।

उम्मीद यह थी कि सतपाल ब्रह्मचारी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के प्रभाव वाले सोनीपत जिले की 6 विधानसभा सीटों में से सोनीपत को छोड़कर बाकी पर बढ़त हासिल कर जींद जिले में प्रवेश करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

ब्रह्मचारी की सोनीपत से जीत में जींद जिले की सबसे अहम भूमिका रही।

2019 के लोकसभा चुनाव में सफीदों से 45000 मतों से भूपेंद्र हुड्डा की हार हुई थी, लेकिन सतपाल ब्रह्मचारी केवल 5000 वोट से हारे।

इसी तरह जींद विधानसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा लगभग 38000 मतों के अंतर से पिछड़ गए थे। इस बार यह अंतर केवल 2900 वोट का रह गया।

जुलाना विधानसभा क्षेत्र से भूपेंद्र हुड्डा को लगभग 13000 मतों के अंतर से हार मिली थी, लेकिन ब्रह्मचारी को उसी जुलाना ने लगभग 24000 मतों के अंतर से बढ़त दिलवाई।

जुलाना की इस बढ़त ने जींद जिले में ब्रह्मचारी को भाजपा के मोहनलाल बड़ौली पर लगभग 16000 मतों से जीत दिलवाई, और सोनीपत से 21000 मतों से उनकी जीत में जींद जिले से मिली 16000 मतों की इस बढ़त की अहम भूमिका रही।

2019 में 98000 से हारे थे हुड्डा, 16000 वोटों से जीते ब्रह्मचारी

2019 के लोकसभा चुनाव में सोनीपत से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को जींद जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के रमेश कौशिक ने लगभग 98000 मतों के अंतर से हराया था।

अब 5 साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में सोनीपत से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ब्रह्मचारी को जींद जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों में बड़ौली पर लगभग 16000 मतों के अंतर से जीत मिली है।

ब्रह्मचारी सोनीपत से जींद जिले के पहले सांसद

भाजपा के प्रत्याशी मोहनलाल बड़ौली को लगभग 21000 मतों के अंतर से पराजित कर लोकसभा में पहुंचे सतपाल ब्रह्मचारी सोनीपत के पहले ऐसे सांसद बन गए हैं, जो जींद जिले से हैं।

वह जींद जिले के सफीदों विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले गांगोली गांव से हैं। उनसे पहले कभी भी जींद जिले का कोई नेता सोनीपत से सांसद नहीं बना था।

कांग्रेस पार्टी और खासकर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने सतपाल ब्रह्मचारी पर जिस सोच के साथ दांव लगाया था, वह सोच सही साबित हुई।

यह सोच जींद जिले के उन तीन विधानसभा क्षेत्रों को साधने की थी, जिन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव में खुद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा को लगभग 98000 मतों के अंतर से हराया था।

इस स्थिति को बदलने के लिए जींद जिले के सतपाल ब्रह्मचारी को मैदान में उतारा गया था, ताकि जींद जिले में कांग्रेस को बढ़त मिल सके। जींद के लोग अपना सांसद बनाने के लिए कांग्रेस के साथ आएं।

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