For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

व्यक्तित्व निर्माण के लिए शिक्षा के साथ आंतरिक दीक्षा भी जरूरी

11:40 AM Nov 15, 2024 IST
व्यक्तित्व निर्माण के लिए शिक्षा के साथ आंतरिक दीक्षा भी जरूरी
जगाधरी में आयोजित राम कथा में प्रवचन देती साध्वी श्रेया भारती। -हप्र
Advertisement

जगाधरी, 14 नवंबर (हप्र)
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा आयोजित श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा व्यास साध्वी श्रेया भारती ने प्रभु के जन्म एवं उनके जीवन की लीलाओं के भीतर छिपे आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर किया। जो केवल मात्र प्रभु की जीवन गाथा व ग्रन्थों की चौपाईयों का सरसपूर्ण गायन नहीं वरन एक विश्लेषणात्मक आध्यात्मिक अंतर दृष्टि से परिपूर्ण प्रभु के अवतरण व प्राकट्य के दिव्य रहस्यों को परिलक्षित करता प्रसंग है। उन्होंने बताया कि रामचरितमानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने चाहे कितने ही वर्ष पूर्व क्यों न की हो,परन्तु धर्म स्थापना के जिस संदेश को वह धारण किए हुए है वह हर युग, काल व देश की सीमाओं से परे हैं व वर्तमान युग की समस्त समस्याओं का निवारण प्रस्तुत करता है। साध्वी ने प्रभु के अवतरण के संबंध में बताते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम जग पालक व सृष्टि के नियामक तत्व हंै। जो साकार रुप धारण कर अयोध्या में अवतरित होते हैं। निराकार परमात्मा धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करता है। साध्वी ने राम की गुरुकुल शिक्षा की ओर इंगित करते हुये कहा कि शिक्षा मानव के लिये अति आवश्यक है पर मात्र शिक्षा कभी भी पूर्ण व्यक्तित्व के निर्माण नहीं कर सकती, इसके लिये हमें अपनी गुरुकुल की परिपाटी का पालन करते हुये शिक्षा के साथ-साथ दीक्षा के समन्वय को अपनाना होगा तभी मानव अपना पूर्ण विकास कर पयेगा। तृतीय दिवस की कथा में पूजन के लिए डॉ जितेन्द्र शर्मा के परिवार ने किया।

Advertisement

Advertisement
Advertisement