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भीषण गर्मी में मुरझाए फूल और किसानों के चेहरे

08:39 AM Jun 18, 2024 IST
जींद के अहिरका गांव में सोमवार को खेतों में मुरझा रहे फूल दिखाता किसान।  -हप्र

जसमेर मलिक/हप्र
जींद, 17 जून
पिछले कुछ दिनों से पड़ रही भीषण गर्मी की मार जींद में फूल उत्पादक किसानों पर पड़ रही है। खेतों में फूल और फूल उत्पादक किसानों के चेहरे दोनों मुरझाने लगे हैं।
जींद शहर के बाईपास के नजदीक गांव अहिरका के किसान पिछले 30 वर्षों से परंपरागत खेती छोड़ गेंदे के फूलों की खेती कर रहे हैं और हर वर्ष अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। इस बार फूलों की खेती पर भी गर्मी की मार पड़ी है। जिले में इस बार तापमान 47 डिग्री को भी पार कर गया, जिसके कारण पौधे झुलस गए तो फूल भी मुरझाने लगे हैं। फूलों का साइज पहले की अपेक्षा छोटा है, इस कारण उत्पादन पर भी असर पड़ा है।
माना जा रहा है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार 30 से 35 प्रतिशत कम उत्पादन होगा। किसानों की मांग है कि हर वर्ष उन्हें फूलों की खेती पर सब्सिडी मिले, ताकि इस तरह के हालात में आर्थिक सहयोग मिल सके।
अहिरका गांव निवासी किसान कुलदीप ने बताया कि वर्ष 2000 में उसने परंपरागत खेती को छोड़ फूलों की खेती शुरू की थी। कोलकाता से गेंदे के फूल की पौध मंगवाई जाती है। सरकार द्वारा तीन साल में एक बार 6400 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से सब्सिडी दी जाती है। उनके पास फूलों की कलकत्ती लड्डू गेंदा, पीला, संतरा समेत कई तरह की फूलों की वैरायटी उपलब्ध हैं। हर वर्ष बढ़िया उत्पादन रहता है, लेकिन इस बार उत्पादन पर 30 प्रतिशत तक असर दिखाई दे रहा है। कुलदीप ने कहा कि गेंदे की फसल के काफी फायदे हैं। खेती के बाद जब जमीन की जुताई करते हैं तो हरी खादी मिलने से जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ती है। कुलदीप ने बताया कि शुरूआत में फूलों का भाव पांच से सात रुपये किलो मिला था, लेकिन अब 32 से 35 रुपये किलो के भाव बिक रहा है।
किसान सुखदेव ने कहा कि इस बार फूलों का उठाव कम ही हो पाया है। भीषण गर्मी में पौधे सूखने लगे हैं। बचाव के लिए एकमात्र जरिया पानी ही है, इसलिए वह शाम के समय सिंचाई भी कर रहे हैं, लेकिन इस बार पिछले वर्षों की तुलना में गर्मी ज्यादा है। सरकार को फूलों की खेती को बढ़ावा देना चाहिये और हर साल सब्सिडी दी जानी चाहिये, ताकि दूसरे किसान भी इस दिशा में आगे आएं।

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