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उत्तर बंगाल-बिहार में बाढ़ जैसे हालात

07:47 AM Jul 08, 2024 IST
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नयी दिल्ली, 7 जुलाई (एजेंसी)
पश्चिम बंगाल के उप-हिमालयी क्षेत्र के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं जबकि बिहार में कई स्थान पर प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। इसके अलावा देश के पूर्वी भाग भारी बारिश से प्रभावित हैं। असम में 29 जिले भीषण बाढ़ से प्रभावित हैं। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कामरूप जिले में राहत शिविरों का दौरा कर उनमें रह रहे लोगों को मुहैया कराई जा रहीं सुविधाओं का जायजा लिया। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, कुल मिलाकर 107 राजस्व सर्किल और 3,535 गांवों के लगभग 24 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र और बराक समेत कई स्थानों पर कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। बिहार में जल संसाधन विभाग ने एक बुलेटिन में कहा कि 24 घंटे की अवधि में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश के कारण कई स्थान पर प्रमुख नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, शिवहर, औराई, सुप्पी और अन्य आसपास के क्षेत्रों में बागमती नदी का जल स्तर खतरे के निशान पर पहुंच गया है। गोपालगंज और सिधवलिया में गंडक नदी का जलस्तर सुबह आठ बजे तक खतरे के निशान से ऊपर था। रिपोर्ट के अनुसार राज्य में मानसून ने जोर पकड़ लिया है और कई स्थानों पर नदियों का स्तर बढ़ गया है। कुशीनगर, बलरामपुर और श्रावस्ती जिलों के कई इलाकों में कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई।

भारी बारिश की चेतावनी के कारण चारधाम यात्रा रोकी

देहरादून (एजेंसी) : उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में सात और आठ जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश होने संबंधी मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर चारधाम यात्रा रविवार को अस्थायी रूप से रोक दी गई। गढ़वाल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने कहा कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग ने गढ़वाल मंडल में सात और आठ जुलाई को भारी बारिश होने का पूर्वानुमान किया है, इसके मद्देनजर सभी श्रद्धालुओं से आग्रह किया जाता है कि वे सात जुलाई को ऋषिकेश से आगे चारधाम यात्रा के लिए रवाना न हों। उन्होंने कहा कि जो श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर निकल चुके हैं उन्हें मौसम ठीक होने तक उसी स्थान पर रुकना चाहिए जहां वे अभी हैं।

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