बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर 8 हुई, 45 अभी भी लापता
ज्ञान ठाकुर/प्रेमराज काश्यप
शिमला/रामपुर बुशहर, 2 अगस्त
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए शुक्रवार को बचाव अभियान जारी रहा। हालांकि इसमें अभी राहत व बचाव कर्मियों को कोई खास सफलता हाथ नहीं लगी है। आज तीन और शव बरामद होने के साथ ही प्रदेश के कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर क्षेत्र के समेज में अचानक आई बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।
मंडी के राजबन गांव में शुक्रवार को पांच शव मिले जबकि कुल्लू के निरमंड में एक और शिमला के रामपुर में दो शव मिले। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि राजबन में बरामद दो शवों की पहचान अमन (9) और आर्यन (8) के रूप में हुई है। अधिकारियों ने कहा कि सेना, एनडीआरएफ, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, पुलिस और होमगार्ड के जवान बचाव अभियान में जुटे हैं और लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है। सबसे ज्यादा नुकसान शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र के समेज इलाके में हुआ है जहां बुधवार रात श्रीखंड महादेव मार्ग के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और क़ुर्पन नाले में अचानक बाढ़ आ गई। बादल फटने की इस घटना से शिमला और कुल्लू दोनों जिले प्रभावित हुए।
कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने कहा कि जिले के मणिकर्ण इलाके में मलाणा-2 बिजली परियोजना स्थल पर गुरुवार रात और आज सुबह 33 फंसे हुए लोगों को बचाया गया। बारिश के कारण एक दीवार और सुरंग का रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था और पानी बैराज में घुस गया लेकिन एनडीआरएफ और होमगार्ड की टीमें लोगों को बचाने में कामयाब रहीं। कुल्लू के मलाणा में 20 से 25 लोगों के फंसे होने की जानकारी है। इनमें कुछ पर्यटक भी शामिल हैं। हालांकि यह पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उनके पास खाने-पीने की सामग्री भी उपलब्ध है। शनिवार को इन्हें भी सुरक्षित निकाल दिया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि समेज में कुल्लू की सीमा में तीन लोग लापता हैं और 15 परिवार प्रभावित हैं। उन्होंने बताया कि समेज में सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय जहां करीब 100 छात्र पढ़ रहे थे, क्षतिग्रस्त हो गए हैं और स्कूल को दूसरे स्थान पर चलाने की व्यवस्था की जा रही है।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि बादल फटने से अचानक आई बाढ़ के कारण शिमला जिले के रामपुर में समेज खड्ड में पानी बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग लापता हो गए। उन्होंने बताया कि गुरुवार को दो लोगों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए। गांधी ने कहा कि हम करीब 100 किलोमीटर के इलाके में लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। इसमें से कुछ दुर्गम इलाका है और यहां लापता लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। समेेज में एनडीआरएफ के 70 जवान सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं।
हिमाचल में बादल फटने के बाद आई बाढ़ में 20 से अधिक घर, छह दुकानें, चार मुख्य और दो पैदल पुल बह गए हैं और प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क बाधित है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्य में 27 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से अब तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
कंगना भी आएंगी पीड़ितों का हाल पूछने
मंडी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कंगना रणौत ने बादल फटने की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख जताया है और कहा कि दुर्गम इलाकों में लोगों का जीवन कठिन है और ऐसी आपदाएं हर साल उनके दर्द को बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य को राहत दी जाएगी। मैं हिमाचल के लिए मदद लेने के लिए नई दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों में भी जा रही हूं और जल्द ही राज्य का दौरा करूंगी।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित समेज का दौरा किया
शिमला/रामपुर बुशहर (हप्र/निस) : मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज जिला शिमला के रामपुर में बादल फटने के कारण प्रभावित हुए समेज क्षेत्र का दौरा कर राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लिया। इस दुःखद घटना पर शोक व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और आपदा प्रभावितों के लिए तत्काल राहत पैकेज की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आपदा प्रभावित परिवार को तत्काल वित्तीय सहायता के रूप में 50 हजार रुपये और किराए पर आवासीय सुविधा के लिए तीन महीने के लिए प्रतिमाह पांच हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, प्रदेश सरकार भोजन, रसोई गैस, कंबल और चूल्हे जैसी मूलभूत वस्तुएं निःशुल्क प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार प्रभावित परिवारों को राहत प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को आश्वासन दिया कि उनके घरों के पुनर्निर्माण के लिए शीघ्र वित्तीय सहायता की घोषणा की जाएगी। उन्होंने जिला प्रशासन को विस्थापित परिवारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए ताकि इन परिवारों को किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला समेज के विद्यार्थियों से भेंट की, जिनके आठ सहपाठी इस घटना के बाद लापता हैं। आठवीं कक्षा के विद्यार्थी राखी और कार्तिक ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस घटना से वे सदमें में हैं और उनका स्कूल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को ढाढस बंधाते हुए उन्हें हौसला रखने और परिवार का सहयोग करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक बेहतर और बड़ा स्कूल फिर से निर्मित किया जाएगा।
इस दुःख की घड़ी में पीड़ितों के साथ : मनोज
रामपुर बुशहर (निस) : समेज गांव में बादल फटने की घटना से हर कोई आहत है। दुख की इस घड़ी में नाथपा-झाकड़ी परियोजना के कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख मनोज कुमार ने बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस परियोजना से प्रशासन को जो भी मदद चाहिए,उसे पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा। इस विपत्ति के समय में वे लोगों के साथ खड़े हैं। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन सुशील कुमार भी यहाँ की स्थिति पर पैनी नज़र बनाए हुए हैं। सीआईएसएफ की टीम त्रासदी स्थल पर उसी दिन से प्रशासन के साथ-साथ कंधे से कंधा मिलाकर डटी है।
तेरंग में दूसरे दिन भी जारी रही लापता लोगों की खोज
मंडी (निस) : खराब मौसम के बावजूद दूसरे दिन भी पधर उपमंडल के तेरंग में खोज अभियान युद्धस्तर पर जारी है। हादसे के दूसरे दिन अमन (9) और आर्यन (8) के शव बरामद हुए हैं। अभी तक रेस्क्यू टीमें 5 शव बरामद कर चुकी हैं। अभी भी 5 लोग लापता हैं जिनकी तलाश जारी है। हादसे में 10 लोग लापता हुए थे, इनमें से पहले दिन तीन के शव बरामद कर लिए थे। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि हादसे के बाद से कार्यवाहक एसडीएम पधर डॉ. भावना वर्मा लगातार वहां मौजूद हैं और उनकी देखरेख में ही खोज अभियान चलाया हुआ है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, फायर और होमगार्ड के जवान लापता लोगों के ढूंढने का कार्य कर रहे हैं। नायब तहसीलदार टिक्कन जोगिन्द्र सिंह ने प्रशासन की ओर से हादसे में मारे गए तीन लोगों के परिजनों को फौरी राहत के तौर पर 25-25 हजार रुपये की कुल 75,000 रुपये की राहत राशि प्रदान की। उन्होंने इस दौरान 25 प्रभावितों को जिनके घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं उन्हें राशन किट, मेडिकल किट और तिरपाल भी वितरित किये। इनके ठहरने की व्यवस्था गांव में ही खाली घर पर की गई है।
बायल के पास सतलुज से दो अज्ञात महिलाओं के शव
रामपुर बुशहर (निस) : ब्रो थाना क्षेत्र के अंतर्गत बायल में स्थित रामपुर जल विद्युत परियोजना क्षेत्र के समीप सतलुज नदी से ब्रो पुलिस थाना के कर्मचारियों ने सूचना मिलने पर दो अज्ञात महिलाओं के शव नग्न अवस्था में बरामद किए हैं। थाना प्रभारी गोपाल सिंह ने बताया कि इन दोनों में से एक महिला का सिर व निचला हिस्सा गायब है, वहीं दूसरी महिला का नीचे का भाग गायब है। उक्त दोनों शव समेज में आई भीषण बाढ़ की चपेट में आयी महिलाओं के प्रतीत हो रहे हैं। उन्होंने लोगों से 72 घंटों के भीतर इन दोनों शवों की पहचान करने की अपील की है।
मुकेश अग्निहोत्री ने कुर्पन खड्ड पेयजल योजना का जायजा लिया
रामपुर बुशहर (निस) : उपमुख्यमन्त्री मुकेश अग्निहोत्री ने बादल फटने से मतियाना, कुमारसैन, सैंज, कुर्पन खड्ड से बनोखरी दत्तनगर में जल शक्ति विभाग के पेयजल स्कीमों को हुए नुक्सान का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर 315 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं और योजना का निर्माण कार्य अंतिम दौर में चल रहा था। बादल फटने से आई बाढ़ ने इस योजना के पम्प हॉउस, मशीनरी और टैंकों का नामो-निशान मिटा दिया। इस योजना को पुनः स्थापित करने के लिए विभाग के आला अधिकारियों को उचित दिशानिर्देश दे दिए गए हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि शिमला के मतियाना क्षेत्र की कुर्पन खड्ड पेयजल योजना के बूस्टर, इंटेक स्ट्रचर, फीडल लाईन संपवेल, पम्प हाउस, पंपिंग मशीनरी और पाइपों टूटने और बह जाने से जल शक्ति विभाग को 10 करोड़ रुपए का नुक्सान हुआ है जबकि रामपुर में जलशक्ति विभाग को 7.5 करोड़ रुपए की 19 पेयजल योजनाओं व एक सीवरेज की लाईन को भी नुक्सान हुआ है। इसके पश्चात उप-मुख्यमन्त्री ने बागीपुल में बाढ़ से हुए नुक्सान का भी जायजा लिया। इस अवसर पर इंजीनियर इन चीफ अंजू शर्मा व विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित रहे।