ज़िंदगी की उड़ान: वायुसेना ने समय से पहले पहुंचाए अंग, पांच लोगों को मिला जीवनदान
नयी दिल्ली, 8 जून (एजेंसी)
एक मौत... जिसने पांच ज़िंदगियों को जीने की नई वजह दे दी। बेंगलुरु में ब्रेन डेड घोषित एक मरीज के अंगों को भारतीय वायुसेना ने वक़्त से दौड़ लगाते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया और कई परिवारों को टूटने से बचा लिया। इस मानवीय मिशन में वायुसेना ने केवल गति ही नहीं, बल्कि करुणा और सेवा का अद्वितीय उदाहरण पेश किया।
The IAF enabled life-saving multi-organ retrieval and critical transplants at different locations, undertaken through Command Hospital Air Force Bangalore (CHAFB) today.
In this swiftly coordinated effort, the donor patient who was declared brain dead yesterday, became the… pic.twitter.com/zyckwIkAkO
— Indian Air Force (@IAF_MCC) June 7, 2025
भारतीय वायुसेना के विमान से एक गुर्दा और एक कॉर्निया को शुक्रवार देर रात बेंगलुरु से दिल्ली लाया गया। यह अंग दिल्ली के सैन्य अस्पताल में गंभीर रोगियों को प्रतिरोपण के लिए सौंपे गए।
वहीं, दूसरे गुर्दे, एक और कॉर्निया और त्वचा को बेंगलुरु के विक्टोरिया हॉस्पिटल में ट्रांसप्लांट किया गया। इसके साथ ही ‘ग्लेनईगल्स बीजीएस अस्पताल’ में मरीज का यकृत सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया।
सैनिकों की सेवा सिर्फ सीमाओं तक नहीं
भारतीय वायुसेना ने ‘एक्स’ पर तस्वीरें और अभियान का विवरण साझा करते हुए बताया कि यह मिशन ‘जीवनसार्थकथे कर्नाटक’ पहल के अंतर्गत चलाया गया था। वायुसेना ने पोस्ट में लिखा “यह अभियान सशस्त्र बलों की चिकित्सा क्षमता, त्वरित निर्णय और मानवीय संवेदनशीलता का आदर्श उदाहरण है।”
यह पूरी प्रक्रिया एक बेहतरीन समन्वय, तेज़ निर्णय और अद्भुत सेवाभाव का नतीजा थी—जिसमें न सिर्फ समय की चुनौती थी, बल्कि भावनात्मक जिम्मेदारी भी।
'मौत भी हार गई, जब सेवा जाग उठी'
इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि अंगदान न सिर्फ किसी एक व्यक्ति की बल्कि पूरे समाज की ज़रूरत है। और जब ऐसी सेवा में भारतीय वायुसेना जैसे संस्थान जुड़ते हैं, तो यह सिर्फ एक ‘ऑपरेशन’ नहीं, बल्कि एक ‘ज़िंदगी मिशन’ बन जाता है।