बैंड बाजों के साथ भव्य पंडाल में पहुंचे भगवान के पांच हिंडोले
जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 13 सितंबर
उत्तर भारत का प्रसिद्ध एवं अम्बाला शहर में मनाया जाने वाला 3 दिवसीय ऐतिहासिक वामन द्वादशी मेला पूरी श्रद्धा एवं उल्लास के साथ प्रारंभ हो गया है। आज विधिवत पूजा अर्चना के बाद भगवान वामन के 5 स्वरूपों को शहर की पुरानी अनाज मंडी में बनाए गए भव्य पंडाल में परंपरागत रूप से विराजित किया गया। हिंडोलों में भगवान वामन के साथ भगवान विष्णु के स्वरूपों की मूर्तियां रखी गई जिनमें राधा-कृष्ण, लड्डू गोपाल, शालिग्राम आदि स्वरूपों की प्रतिमाएं शामिल हैं। शोभायात्रा के दौरान भी असंख्य नगरवासियों ने भगवान के दर्शन करके माथा टेका और धर्मलाभ कमाया। इस बार अयोध्या नगरी को सजाने वाले कारीगरों ने ही अम्बाला के बाजारों को सजाने का काम किया है। पुरानी अनाज मंडी के मंदिर में हवन यज्ञ करके कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बड़े ठाकुर द्वारा से भगवान का पहला हिंडोला शोभायात्रा की शक्ल में बैंड बाजों के साथ पंडाल की ओर चला। राज्यमंत्री एवं स्थानीय विधायक असीम गोयल ने सनातन धर्म सभा के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने भगवान की पूजा अर्चना की और हिंडोले को पंडाल की ओर रवाना किया। इसके बाद धार्मिक रीति रिवाज के साथ राधेशम मंदिर से एक हिंडोला और शोभायात्रा में शामिल हुआ। अभी शोभायात्रा आधे रास्ते में ही थी कि तेज बरसात द्वारा बाधा डालने के सारे प्रयास विफल करते हुए हिंडोले जयकारों के साथ पंडाल की ओर चलते रहे। शोभायात्रा में शामिल स्कूली बच्चों को बरसात आने के बाद विश्राम दे दिया गया।
आज होगा आतिशबाजी का भव्य कार्यक्रम
शोभायात्रा में आगे चलकर 2 हिंडोले कलाल माजरी स्थित मंदिरों से तथा 1 नौहरियां मंदिर से लेकर शोभायात्रा निर्धारित पूजा उत्सव स्थल पर पहुंची जहां देर रात तक श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा अर्चना करते हुए दर्शन किए। शोभायात्रा से पूर्व पंडाल में भूमि पूजन किया गया। शोभायात्रा में शामिल भगवान वामन की झांकी सबके आकर्षण का केंद्र रही, इसके अलावा मां भारती, राधा-कृष्ण, शिव-पार्वती समेत अन्य धार्मिक झांकियों ने सबको आकर्षित किया।
पुरानी अनाज मंडी में सजे पंडाल के आगे 14 सितंबर को आतिशबाजी का भव्य कार्यक्रम होगा जिसमें सहारनपुर के आतिशबाज अपने करतब दिखाएंगे। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, धार्मिक प्रवचन होंगे। इन कार्यक्रमों में पवन गोदियाल और कविता गोदियाल भजन सुनाकर श्रद्धालुओं को भक्तिभाव से सराबोर करेंगी। 15 सितंबर को पुरानी अनाज मंडी से शोभा यात्रा के रूप में आरंभ होकर नौरंगराय सरोवर में ही भगवान वामन के हिंडोलों को जलविहार करवाने की रस्म अदा की जाएगी। 3 दिन तक चलने वाला और अगले वर्ष तक याद रहने वाला यह पूजा उत्सव गत 140 वर्षों से सनातन धर्म सभा द्वारा आयोजित किया जा रहा है।