पहले टीटीई की वाहवाही, बाद में वीडियो भी हटायी
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 27 नवंबर
डॉक्टरों की आलोचना के बीच केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बुजुर्ग यात्री पर कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) देने वाले टीटीई के वायरल वीडियो को डिलीट कर दिया। बुजुर्ग यात्री को ट्रेन में यात्रा करते समय कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ा था। एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए वैष्णव ने रेलवे अधिकारी की ‘जीवनरक्षक’ के तौर पर प्रशंसा की थी।
गौर हो कि सीपीआर एक आपातकालीन प्रक्रिया है जो सांस लेने और दिल की धड़कन रुकने पर उसे फिर से शुरू करने में मदद करती है। आम्रपाली एक्सप्रेस पर शूट किए गए वीडियो में टीटीई को 70 वर्षीय व्यक्ति पर सीपीआर करते हुए दिखाया गया है, जबकि वह बेहोश था। मंत्री द्वारा वीडियो शेयर किए जाने के बाद कई डॉक्टरों ने सवाल उठाए और उसकी आलोचना की। द लिवर डॉक के नाम से मशहूर डॉ. साइरिएक एबी फिलिप्स ने मंत्री से वीडियो हटाने का आग्रह किया। सीपीआर सामान्यत: उन्हें दिया जाता है जो सांस नहीं ले रहे हैं। जानकार कहते हैं, ‘यदि कोई व्यक्ति होश में है और सांस ले रहा है, भले ही उसे असुविधा हो रही हो, तो सीपीआर शुरू न करें।’
फिलिप्स ने लिखा, ‘रेलवे कर्मी मरीज को नुकसान पहुंचा रहा है। इससे तो मरीज की पसलियों में फ्रैक्चर हो सकता था। इस बकवास चीज़ को हटा दें।’ इससे पहले रेल मंत्रालय ने एक्स पर वीडियो डालकर कहा था, ‘टीटीई की तत्परता ने ‘जीवन’ बचाया। ट्रेन संख्या 15708 ‘आम्रपाली एक्सप्रेस’ के जनरल कोच में यात्रा करते समय 70 वर्षीय यात्री को दिल का दौरा पड़ा।’ इस संबंध में हैदराबाद के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने कहा, ‘किसी व्यक्ति को सीपीआर की जरूरत है या नहीं, यह निर्धारित करने के लिए सांस और नाड़ी दो महत्वपूर्ण कारक हैं। अगर कोई व्यक्ति सांस नहीं ले रहा है या उसकी नाड़ी नहीं चल रही है, तो तुरंत सीपीआर देने की जरूरत है।’