भारत से पहली बार कैलास के दर्शन
पिथौरागढ़ (एजेंसी) : तीर्थयात्रियों ने भारतीय भूभाग में पुराने लिपुलेख दर्रे से भगवान शिव का निवास मानी जाने वाली पवित्र कैलास चोटी के पहली बार बृहस्पतिवार को दर्शन किए। इससे पहले, श्रद्धालुओं को कैलास चोटी के दर्शन के लिए तिब्बत स्वायत्तशासी क्षेत्र की यात्रा करनी पड़ती थी। पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कृति चंद्र आर्य ने कहा, 'पांच श्रद्धालुओं के पहले जत्थे ने पुराने लिपुलेख दर्रे से कैलास पर्वत की चोटी के दर्शन किए। यह उनके लिए एक जबरदस्त भावनात्मक अनुभव था।' उन्होंने बताया कि वे बुधवार को गुंजी शिविर पहुंचे थे और चोटी के दर्शन करने के लिए उन्होंने वहां से पुराने लिपुलेख दर्रे तक ढाई किलोमीटर की पैदल यात्रा की। श्रद्धालुओं के साथ यात्रा करने वाले आर्य ने कहा कि सभी पांचों श्रद्धालु बहुत उत्साहित थे और जब उन्होंने पुराने लिपुलेख दर्रे पर बनाए गए स्थल से पवित्र कैलास चोटी के दर्शन किए तो उनकी आंखों में आंसू थे।' पुराने लिपुलेख दर्रे से कैलास चोटी के दर्शन करने वाले पहले जत्थे में भोपाल के नीरज और मोहिनी, चंडीगढ़ के अमनदीप कुमार जिंदल और राजस्थान के श्रीगंगानगर के रहने वाले केवल कृष्ण और नरेंद्र कुमार शामिल थे। कोविड-19 महामारी के कारण तिब्बत में होने वाली कैलास -मानसरोवर यात्रा के पिछले कई साल से स्थगित रहने के मद्देनजर एक विकल्प के तौर पर इस यात्रा का संचालन राज्य पर्यटन विभाग ने पायलट परियोजना के तहत किया है।