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पहले कोरोना, फिर बाढ़ और अब बंद बॉर्डर से उद्योगों पर पड़ी मार

08:31 AM Apr 29, 2024 IST
पहले कोरोना  फिर बाढ़ और अब बंद बॉर्डर से उद्योगों पर पड़ी मार
अम्बाला शहर में निर्वाचन आयोग व हाईकोर्ट को भेजे गए पत्र दिखाते थोक मार्केटों के प्रतिनिधि। -हप्र
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अम्बाला शहर, 28 अप्रैल (हप्र)
पहले कोरोना, फिर बाढ़ और अब किसान आंदोलन के चलते पंजाब बॉर्डर बंद होने से अम्बाला के उद्योगों को काफी झटका लगा है। अम्बाला के व्यापारियों का कहना है कि यदि कुछ दिन और ऐसे हालात रहे तो अम्बाला में व्यापार का हाशिये पर आ जाएगा और यहां युवाओं पर बेरोजगारी की मार पड़ेगी। अम्बाला की थोक कपड़ा मार्केट, इलेक्ट्रिकल, सर्राफा बाजार, मिक्सी उद्योग, मनियारी मार्केट, ट्रांसपोर्ट उद्योग व एक दूसरे से जुड़ी अनेकों अन्य मार्केट इस बंदी की मार झेल रही हैं।
इन सभी समास्याओं का खुलासा स्थानीय सभी मुख्य व्यापारिक एसोसिएशनों द्वारा अम्बाला क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में किया। प्रेस वार्ता में होलसेल क्लाथ मार्केट एसोसिएशन अम्बाला से विशाल बत्रा, मोहन गोयल व साथी, अम्बाला इलेक्ट्रिकल डीलर्स एसोसिएशन से राकेश अग्रवाल, राकेश मोहन व राकेश मक्कड़, सर्राफा एसोसिएशन अम्बाला शहर से नरेश अग्रवाल, होलसेल जनरल मर्चेंट डीलर एसोसिएशन से लक्की जुनेजा, कृष्ण गंभीर व साथी, अम्बाला सिटी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन से प्रेम रत्न गौसाई व हर्ष सेठी व साथी, मिक्सी एसोसिएशन से मोहन लाल सैनी व साथी, होलसेल टैक्सटाइल मार्केट कालका चौक से राजकुमार मनचंदा, मनोहर लाल सचदेवा व साथी, सुपर आदर्श मार्केट बस स्टैंड से शैंकी बवेजा व साथी, होलसेल टैक्सटाइल मार्केट अग्रसेन चौक से हरीश चढ्डा व साथी मौजूद रहे।
अम्बाला को बर्बादी से बचाने का आह्वान
सभी एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों ने बताया कि पिछले लगभग तीन महीनों से शंभू बार्डर बंद पड़ा है। पिछले 10 दिनों से रेलमार्ग अवरूद्ध होने से और अधिक दिक्कत हो गई है। बॉर्डर जिला व उत्तर भारत का प्रवेश द्वार होने के चलते यहां का व्यापारी पंजाब, हिमाचल व जम्मू कश्मीर के ग्राहकों व व्यापारियों की जरूरतों को पूरा करता है। अकेली कपड़ा मार्केट की बात करें तो एशिया की सबसे बड़ी कपड़ा मार्केट में शुमार इस मार्केट में प्रत्येक व्यापारी के पास 500-700 वर्कर काम करते हैं। व्यापार 20 प्रतिशत रह गया है जिसके चलते वेतन देना भी मुश्किल हो गया है। इसके चलते व्यापारियों ने निर्वाचन आयोग व पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस बाबत समाधान की गुजारिश की है व सरकार से मीडिया के माध्यम से निवेदन किया कि वे जल्द से जल्द बॉर्डर को खोलें व अम्बाला को बर्बादी से बचाएं ।

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