Fire in Diwali: कानपुर में घर में रखे दीये से लगी आग, कारोबारी दंपत्ति व नौकरानी की मौत
कानपुर/नयी दिल्ली, 1 नवंबर (भाषा)
Fire in Diwali: जिले के काकादेव इलाके मे एक कारोबारी, उनकी पत्नी और उनके नौकरानी की घर में आग लगने के बाद कथित तौर पर दम घुटने से मौत हो गई। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि काकादेव थाना क्षेत्र के पांडु नगर में स्थित घर में बने लकड़ी के मंदिर में सुबह करीब तीन बजे आग लग गई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि परिवार ने देर रात पूजा-अर्चना की और उसके बाद घर के मंदिर में दीया जलाया गया।
पुलिस उपायुक्त (मध्य कानपुर) दिनेश त्रिपाठी ने बताया, "जब आग लगी उस समय कारोबारी संजय श्याम दासानी, उनकी पत्नी (कनिका दासानी) और नौकरानी (छबी चौहान) घर में सो रहे थे। वे भाग नहीं पाए।"
त्रिपाठी ने बताया, "सूचना मिलने पर स्थानीय अधिकारी और दमकल वाहन मौके पर पहुंचे और तीनों को रीजेंसी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।" उन्होंने बताया कि घर में लगी आग को दमकल वाहनों की मदद से बुझा दिया गया है। डीसीपी त्रिपाठी ने बताया कि मामले में आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
दिवाली पर दिल्ली में आग लगने संबंधी 318 सूचनाएं मिलीं, 13 साल में सबसे अधिक
दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) को इस साल दिवाली में आग लगने से संबंधित 300 से अधिक घटनाओं को लेकर फोन आए जो पिछले 13 साल में सबसे अधिक है।डीएफएस के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया, ‘‘यह आंकड़ा पिछले 13 वर्षों में दिवाली में आग से संबंधित घटनाओं और आपातकालीन घटनाओं की सबसे अधिक संख्या को दर्शाता है।''
अधिकारियों के अनुसार, बहुत ज्यादा पटाखों का उपयोग करने के कारण आग संबंधी घटनाओं के आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है। डीएफएस ने बताया कि 31 अक्टूबर को शाम पांच बजे से एक नवंबर को सुबह पांच बजे के बीच आग लगने संबंधी घटनाओं की अधिकांश कॉल प्राप्त हुई।
डीएफएस द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, उन्हें 2011 में 206, 2012 में 184, 2013 में 177, 2014 में 211, 2015 में 290, 2016 में 243, 2017 में 204, 2018 में 271, 2019 में 245, 2020 में 205, 2021 में 152, 2022 में 201 और 2023 में आग लगने से संबंधित 208 कॉल मिली थीं। गर्ग ने बताया, ‘‘इस साल हमें आग से संबंधित 318 कॉल प्राप्त हुईं। यह संख्या पिछले 13 वर्षों में सबसे अधिक है। हम सभी अग्निशमन इकाइयों और अधिकारियों की तैनाती के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार थे। हमने सभी कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी थीं और पूरे शहर में सभी की मदद के लिए तैयार थे।''
उन्होंने बताया, ‘‘पिछले साल इसी समय हमें आग संबंधी 195 घटनाओं की सूचना मिली थी।'' दिल्लीवासियों ने पटाखों पर लगे प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए बृहस्पतिवार को दिवाली मनाई। रात भर लगातार पटाखे फोड़े जाने से दिल्ली में घना धुआं छा गया, जिससे गंभीर ध्वनि प्रदूषण हुआ और दृश्यता कम हो गई। राजधानी में हर साल प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने लगातार पांचवें वर्ष पटाखों पर व्यापक प्रतिबंध लागू किया था, जिसके तहत उनके निर्माण, भंडारण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगा दी गई थी।