‘पराली जलाने पर एफआईआर, एमएसपी पर फसल न खरीदने का फैसला किसान विरोधी’
जींद, 19 अक्तूबर (हप्र)
माजरा खाप पंचायत ने हरियाणा सरकार के उस निर्णय का कड़ा विरोध किया है, जिसमें पराली जलाने पर किसान पर एफआईआर दर्ज होगी और उस किसान की फसल भी दो साल तक सरकार एमएसपी पर नहीं खरीदेगी।
शनिवार को जारी बयान में माजरा खाप पंचायत के प्रधान गुरविंदर सिंह संधू, महासचिव महेन्द्र सिंह सहारण, प्रेस प्रवक्ता समुंद्र फोर ने कहा कि माजरा खाप पंचायत पराली जलाने का समर्थन कतई नहीं करती। वातावरण को स्वच्छ रखना हम सब की जिम्मेदारी है, लेकिन ये जो निर्णय केवल किसान के खिलाफ सरकार ने लिया है, उसकी माजरा खाप पंचायत कड़ी निंदा करती है। सरकार से खाप पंचायत का सवाल है कि सेटेलाइट से सरकार को केवल किसान के खेतों का धुआं ही क्यों दिखाई देता है। जब ओलावृष्टि, बाढ़, बीमारी से फ़सल खराब हो जाती है, तब ये सेटेलाइट काम करना कैसे बंद कर देता है। सरकार के सेटेलाइट को दिल्ली के आसपास की प्रदूषण फैलाने वाली फैक्टरी दिखाई नहीं देती। कोयले से चलने वाला थर्मल पावर प्लांट, टायर फूंकने वाली फैक्टरी आदि से सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलता है। प्रदूषण में 21 प्रतिशत योगदान परिवहन सेवा का है। अशुद्ध हवा फैलाने में किसान का योगदान तो आंकड़े केवल 8 प्रतिशत ही बता रहे हैं।
सरकार किसान को बदनाम करके राजनीति करना चाहती है। इसलिए सबसे पहले किसान के विरुद्ध ही निर्णय लिया गया है।