‘सामाजिक समितियों पर लगाया जुर्माना हो माफ’
लोहारू, 15 जून (निस)
प्रदेश की सामाजिक संस्थाओं के नवीनीकरण तथा वार्षिक रिपोर्ट समय पर दाखिल नहीं किए जाने पर लगाए गए भारी-भरकम जुर्माने को माफ करने की मांग की गई है। इसके लिए समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने शनिवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नाम पत्र लिखा। पूरे प्रदेश में ऐसी सामाजिक संस्थाएं 5 हजार से भी ऊपर बताई गई हैं।
गौशाला, समाज सुधार व शिक्षा जैसे समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि दशकों से संचालित उनकी सामाजिक संस्थाएं सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत थी। लेकिन सन 2012 में कांग्रेस सरकार ने अपना नया एक्ट 2012 लागू कर दिया जिसके तहत सभी पुरानी संस्थाओं को इस एक्ट के तहत अपने पंजीकरण को नवीनीकृृत करना आवश्यक कर दिया। इस नए एक्ट मेें हर वर्ष सालाना बेलेंस शीट व हर तीन वर्ष में चुनाव की रिपोर्ट दाखिल करना जरूरी कर दिया गया।
इस बारे में रजिस्ट्रार सोसायटी विभाग ने न तो उनके पास कोई पत्र भेजा और न ही कोई जागरूकता अभियान चलाया। इस कारण से अनेक सामाजिक संस्थान नए एक्ट के तहत अपनी संस्था का नवीनीकरण नहीं करा सके। जिन लोगाें ने नवीनीकरण करा लिया, वे हर वर्ष वार्षिक लेखा-जोखा रिपोर्ट व चुनाव रिपोर्ट नहीं दाखिल कर सके, क्योंकि लोगों को इस बारे में पता ही नहीं था। परिणाम यह निकला कि अब इन संस्थाओं की ओर विभाग ने 50 हजार से 1 लाख रुपये की फीस व जुर्माना बकाया निकाल दिया। लोगों के चंदे व सहयोग से समाज की सेवा करने वाली ये संस्थाएं इतने भारी-भरकम जुर्माने व फीस को नहीं भर पा रही हैं। इसलिए भाजपा सरकार अब तक के पेंडिंग जुर्माने व फीस को माफ करते हुए अब तक की रिपोर्ट निःशुल्क दाखिल कराए।