कैंसर से जंग, हौसले के संग : चंडीगढ़ हाफ मैराथन में उमड़ा जोश
एनएमआईएमएस और होमी भाभा ने किया कार्यक्रम का आयोजन
विवेक शर्मा/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 9 मार्च
सुबह की हल्की ठंड में जब हजारों धावक चंडीगढ़ की सड़कों पर दौड़ने निकले, तो यह सिर्फ एक मैराथन नहीं, बल्कि ज़िंदगी, हौसले और जागरूकता का उत्सव बन गया। एनएमआईएमएस चंडीगढ़ ने होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर (टाटा मेमोरियल सेंटर) के सहयोग से ‘नारसी मोनजी हाफ मैराथन 2025’ का भव्य आयोजन किया, जिसमें 1000 से अधिक धावकों ने भाग लिया। इस साल की थीम 'कैंसर जागरूकता और विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष की प्रेरणा' थी, जिसने इस आयोजन को खेल से कहीं आगे, एक सामाजिक संदेश में बदल दिया।
हौसले और उम्मीद की दौड़
इस मैराथन में कैंसर से जूझ चुके धावकों, दिव्यांग प्रतिभागियों और जीवन-धातक बीमारियों से लड़ रहे लोगों ने भी हिस्सा लिया, जिन्होंने लचीलापन और उम्मीद का संदेश दिया। विभिन्न दौड़ क्लबों—द रन क्लब (टीआरसी), चंडीगढ़ डिस्टेंस रनर्स (सीडीआर), स्केचर्सजीओ रन क्लब (जीआरसी) और बॉन्डेड इन ग्रेटिट्यूड—के धावकों ने अपनी ऊर्जा और जोश से माहौल को प्रेरणादायक बना दिया।
रफ्तार, जोश और फिटनेस का संगम
सुबह 5 बजे उद्घाटन भाषण के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। दौड़ से पहले ज़ुम्बा सेशन और वार्म-अप ने प्रतिभागियों को ऊर्जावान बनाया। तीन श्रेणियों में प्रतियोगिता आयोजित हुई— 21.1 किमी (हाफ मैराथन), 11 किमी और 5 किमी दौड़ के दौरान हाइड्रेशन स्टेशनों, मेडिकल सहायता केंद्रों और फिजियोथेरेपिस्ट टीमों की विशेष व्यवस्था की गई। हर धावक के प्रदर्शन को मापने के लिए टाइमिंग चिप मैट्स लगाए गए, जिससे सटीक ट्रैकिंग संभव हुई।
कैंसर से डर नहीं, जागरूकता जरूरी : मनीष तिवारी
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि कैंसर से लड़ाई में सबसे जरूरी है जागरूकता और सामूहिक प्रयास। उन्होंने कहा, "यह मैराथन सिर्फ एक दौड़ नहीं, बल्कि एक संदेश है कि हमें कैंसर से डरना नहीं, बल्कि मिलकर लड़ना है।"
एनएमआईएमएस चंडीगढ़ की कैंपस डायरेक्टर प्रो. (डॉ.) रश्मि खोरणा नागपाल ने इस पहल को सामाजिक जागरूकता और सामूहिक प्रयासों का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सहनशक्ति की परीक्षा नहीं, बल्कि लचीलेपन और एकता का उत्सव है।
सम्मान और प्रेरणा के पल
मैराथन के विजेताओं को सांसद मनीष तिवारी और प्रो. (डॉ.) रश्मि खोरणा नागपाल ने ट्रॉफी प्रदान कर सम्मानित किया। इस आयोजन में स्कूली छात्र और राष्ट्रीय स्तर के धावक भी नायक रहे।
लक्ष्य सिर्फ दौड़ नहीं, बदलाव की ओर कदम : डॉ. आशीष गुलिया
एनएमआईएमएस चंडीगढ़ और होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर की यह साझेदारी सिर्फ इस मैराथन तक सीमित नहीं रहेगी। अस्पताल के निदेशक डॉ. आशीष गुलिया ने कहा कि कैंसर के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार जागरूकता और समय पर जांच है। उन्होंने कहा, "इस तरह की पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाती हैं।"