Fempreneur Rising Stars 2025 : दिशा मलिक को किया गया सम्मानित, मातृत्व और उद्यमिता को दिया नया आयाम
विवेक शर्मा
चंडीगढ़, 9 मार्च
कभी एक मां का संघर्ष, तो कभी उद्यमी का विजन। कभी समाज की बंदिशों से लड़ती महिला, तो कभी डिजिटल दुनिया की सशक्त आवाज। दिशा मलिक आज लाखों महिलाओं के लिए सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि प्रेरणा का प्रतीक बन चुकी हैं।
उनके इसी अतुलनीय योगदान को सलाम करते हुए पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उन्हें फेमप्रेन्योर राइजिंग स्टार्स 2025 पुरस्कार से सम्मानित किया। पंजाब राज भवन में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर यह सम्मान सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि उनके द्वारा किए गए सामाजिक और डिजिटल परिवर्तन की पहचान है।
कैसे एक मां बनी डिजिटल युग की अगुवाई?
दिशा मलिक ने साबित कर दिया कि "मातृत्व केवल देखभाल तक सीमित नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का जरिया भी हो सकता है।" उन्होंने अपने प्लेटफॉर्म "द चीक मॉम" और "गुवाहाटी ब्लॉगर ट्राइब" के जरिए माताओं, महिलाओं और छोटे उद्यमियों को वह मंच दिया, जिसकी पहले कल्पना भी मुश्किल थी। आज उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म 1.2 करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचते हैं, जहां वे महिला सशक्तिकरण, मातृत्व और उद्यमिता को नई ऊंचाइयां दे रही हैं। उनके कंटेंट ने नई माताओं को आत्मनिर्भर बनाया, छोटे व्यवसायों को बढ़ने का अवसर दिया और महिलाओं को अपनी आवाज बुलंद करने का मंच दिया।
सम्मान के साथ बढ़ी जिम्मेदारी
जब राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने दिशा को यह पुरस्कार प्रदान किया, तो यह सिर्फ एक सम्मान नहीं था, बल्कि यह इस बात की स्वीकृति थी कि डिजिटल दुनिया में बदलाव लाने वाली महिलाएं अब सीमाएं तोड़ रही हैं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा,"आज महिलाएं सिर्फ उपभोक्ता नहीं, बल्कि कंटेंट निर्माता, उद्यमी और प्रेरणादायक लीडर भी हैं। हमें ऐसी महिलाओं के प्रयासों को और समर्थन देना चाहिए, ताकि वे डिजिटल स्पेस में और बड़ा योगदान दे सकें।"
महिला सशक्तिकरण का डिजिटल मॉडल
दिशा मलिक ने 100 से अधिक ब्रांड्स के साथ साझेदारी कर महिलाओं के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्वतंत्रता के नए दरवाजे खोले हैं। उन्होंने एक ऐसा डिजिटल मंच तैयार किया, जहां गृहिणियां भी बिजनेस लीडर, क्रिएटर और उद्यमी बन सकें।
दिशा कहती हैं, "डिजिटल दुनिया ने महिलाओं को अपनी पहचान बनाने का बेहतरीन अवसर दिया है। अगर हम इसमें कदम बढ़ाएं, तो कोई भी हमें रोक नहीं सकता।"आगे की योजना: गांवों और छोटे शहरों की महिलाओं के लिए डिजिटल ट्रेनिंग...
अब दिशा की योजना गांवों और छोटे शहरों की महिलाओं को डिजिटल रूप से सक्षम बनाने की है। वह एक विशेष डिजिटल ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने जा रही हैं, जिससे महिलाएं ऑनलाइन बिजनेस, कंटेंट क्रिएशन और डिजिटल मार्केटिंग सीख सकें।
"हर महिला के पास अपने सपनों को पूरा करने का हक है। अगर सही जानकारी और मंच मिले, तो वह न केवल अपना बल्कि अपने पूरे परिवार और समाज का भविष्य बदल सकती है।" – दिशा मलिक
सम्मान से बढ़ा हौसला, बदलेगी दुनिया
यह पुरस्कार सिर्फ एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि हर उस महिला के संघर्ष और सफलता की कहानी है, जिसने अपनी पहचान खुद बनाई। दिशा मलिक ने यह साबित कर दिया कि "एक मां जब आगे बढ़ती है, तो वह अपनी पूरी पीढ़ी को ऊपर उठाती है।"