For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Female Foeticide Haryana तीन महीने में 1154 गर्भपात, बेटियां होने की आशंका बनी चिंता का कारण

03:51 PM Jul 15, 2025 IST
female foeticide haryana तीन महीने में 1154 गर्भपात  बेटियां होने की आशंका बनी चिंता का कारण
Advertisement

जसमेर मलिक/हमारे प्रतिनिधि
जींद, 15 जुलाई
हरियाणा में भ्रूण लिंग जांच को लेकर चिंता एक बार फिर उभरकर सामने आई है। स्वास्थ्य विभाग की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों में राज्य में 1154 गर्भपात दर्ज किए गए हैं। विभाग को संदेह है कि इनमें कई मामले ऐसे हो सकते हैं जहां लड़की होने की आशंका के चलते गर्भपात कराया गया।

Advertisement

यह रिपोर्ट उस सामाजिक सोच को सवालों के घेरे में लाती है, जहां बेटा अब भी प्राथमिकता बना हुआ है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए निगरानी और जांच प्रक्रिया को और सख्त करने का फैसला लिया है।

निगरानी व्यवस्था में सुधार की प्रक्रिया शुरू

स्वास्थ्य विभाग ने ज़मीनी स्तर पर काम कर रहीं 56 आशा वर्करों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। विभाग का मानना है कि यदि परामर्श और निगरानी समय रहते प्रभावी होती, तो कई मामलों को रोका जा सकता था। अब इन सभी मामलों की विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है।

Advertisement

रिवर्स ट्रैकिंग से होगा सटीक मूल्यांकन

स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश दिए हैं कि वे गर्भपात के प्रत्येक मामले की केस हिस्ट्री खंगालें। यह जांच सिर्फ अस्पताल रिकॉर्ड तक सीमित नहीं होगी, बल्कि संबंधित महिला, परिजन और आशा वर्कर से बातचीत कर पूरी प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी।

आंकड़ों में और बढ़ोतरी की आशंका

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, 1154 का आंकड़ा प्रारंभिक है। कुछ जिलों से मिले डेटा और स्थानीय स्रोतों से मिली सूचनाएं मेल नहीं खा रहीं, जिससे संकेत मिलते हैं कि वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है। इसके मद्देनज़र एक गुप्त जांच टीम इस नेटवर्क की गहराई से छानबीन कर रही है।

मुख्यालय से सीधी निगरानी, जवाबदेही तय

अब इन मामलों पर निगरानी सिर्फ जिला स्तर तक सीमित नहीं रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय से भी फॉलोअप किया जाएगा। सभी जिलों को अलर्ट किया गया है और ज़िला स्वास्थ्य अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जा रही है, ताकि आगे किसी भी गर्भपात की सूचना प्राथमिकता से ट्रैक की जा सके।

गर्भवती महिलाओं की भूमिका भी होगी जांच के दायरे में

यदि जांच के दौरान यह साबित होता है कि किसी महिला ने भ्रूण लिंग परीक्षण या उससे जुड़ा गर्भपात कराया, तो कानूनी कार्रवाई की संभावना से भी इनकार नहीं किया गया है। विभाग इसे संवेदनशीलता और तथ्यों के आधार पर देख रहा है।

जींद का उदाहरण: 50 मामलों की जांच में नहीं मिली गड़बड़ी

जींद जिले के 96 मामलों में से अब तक 50 मामलों की जांच पूरी हो चुकी है और इनमें किसी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई है। शेष मामलों की जांच जारी है। यह रिपोर्ट अन्य जिलों के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।

Advertisement
Tags :
Advertisement