पनबिजली परियोजनाओं के एफसीए और एफआरए मामले जल्द निपटाए जाएं
शिमला, 30 दिसंबर (हप्र)
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित एफसीए और एफआरए मामलों के शीघ्र निस्तारण के निर्देश दिए हैं। सुक्खू आज शिमला में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभिन्न स्वीकृतियों संबंधी मामलों के कारण लगभग 11 हजार मेगावाट क्षमता की जल विद्युत परियोजनाएं रुकी हुई हैं। उन्होंने एफसीए और एफआरए प्रक्रिया को सुगम बनाने के दृष्टिगत वन और ऊर्जा विभाग को एक समिति गठित करने के भी निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त जिलों में आवश्यक वनीकरण के दृष्टिगत उपायुक्तों और वनमंडलाधिकारियों को भूमि चिन्हित करने को भी कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के दृष्टिगत जल विद्युत क्षमता का समुचित दोहन सबसे महत्वपूर्ण है। ऐसे में सभी संबंधित विभाग इन परियोजनाओं को समयबद्ध पूर्ण करने तथा लोगों को इसका समय पर लाभ उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत कार्य करें। उन्होंने 800 मेगावाट क्षमता की पार्वती और 100 मेगावाट की ऊहल तृतीय चरण जल विद्युत परियोजनाओं को वर्ष 2024 तक पूरा करने के भी निर्देश दिए।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान सरकार प्रदेश व यहां के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है और विद्युत परियोजनाओं में रॉयल्टी बढ़ाने का मामला इसी के दृष्टिगत उठाया गया है। उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा के लिए वह शीघ्र ही केन्द्रीय विद्युत मंत्री के साथ बैठक करेंगे।
मुख्यमंत्री ने पांच मेगावाट से कम क्षमता की विद्युत परियोजनाओं के लिए हरसंभव मदद का भी आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के चरण-2 की भी समीक्षा की। इसके तहत राज्य सरकार 100 किलोवाट से 500 किलोवाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनाओं के लिए युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।