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गांदरबल हमले पर भड़के फारूक- कश्मीर पाकिस्तान नहीं बनेगा

07:00 AM Oct 22, 2024 IST
जम्मू कश्मीर के लेफ्िटनेंट गवर्नर मनोज िसन्हा सोमवार को आतंकी हमले में मारे गये शशिभूषण अबरोल के परिजनों से मिलते हुए। -प्रेट्र

श्रीनगर, 21 अक्तूबर (एजेंसी)
नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों के लिए पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि अगर इस्लामाबाद भारत के साथ दोस्ती चाहता है तो उसे यहां आतंकवादी घटनाएं रोकनी होंगी। पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक पड़ोसी देश जम्मू-कश्मीर में हत्याएं बंद नहीं करता, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं हो सकती।
अब्दुल्ला ने गांदरबल जिले में एक निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले पर टिप्पणी करते हुए कहा, ‘बातचीत कैसे हो सकती है? आप हमारे निर्दोष लोगों को मारते हैं और फिर बातचीत के लिए कहते हैं। पहले हत्याएं करना बंद करो।’ रविवार रात गांदरबल जिले में श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक सुरंग निर्माण स्थल पर हुए आतंकवादी हमले में एक स्थानीय चिकित्सक और छह गैर स्थानीय श्रमिकों की मौत हो गयी तथा पांच अन्य लोग घायल हो गए। नेकां अध्यक्ष ने कहा, ‘इन दरिंदों को क्या मिलेगा? क्या वे सोचते हैं कि वे यहां पाकिस्तान स्थापित करेंगे?... कश्मीर, पाकिस्तान (का हिस्सा) नहीं बनेगा।’

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जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, ‘श्रमिकों के खिलाफ हुए क्रूर और बर्बर हमले का बदला लिया जाएगा। मैंने जम्मू-कश्मीर पुलिस, सुरक्षा बलों से ऐसी कार्रवाई करने को कहा है, जिसे आतंकवादी और उनके सहयोगी भविष्य में भी याद रखेंगे।’ उन्होंने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वह क्षेत्र में शांति भंग करने के लिए अभी भी निर्दोष लोगों की हत्या करने का प्रयास कर  रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकियों का यह दुस्साहस जम्मू-कश्मीर में निर्माण का क्रम और लोगों का विश्वास कभी नहीं तोड़ पाएगा। आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में पूरा देश एकजुट है।

व्यापक तलाशी, एनआईए ने जुटाए साक्ष्य

गांदरबल आतंकवादी हमले के एक दिन बाद सुरक्षा बलों ने सोमवार को क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। साथ ही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अधिकारियों ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्र किये हैं। अधिकारियों ने बताया कि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के जवान कश्मीर में गैर-स्थानीय मजदूरों पर हुए सबसे घातक हमलों में शामिल आतंकवादियों और उनके सहयोगियों का पता लगाने के लिए निर्माण स्थल के आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान चला रहे हैं। माना जाता है कि आंतकवादियों की संख्या कम से कम दो थी।

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