चंडीगढ़, 5 दिसंबर (ट्रिन्यू)भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने जलवायु परिवर्तन और कुपोषण की वजह से फसलों को खराब होने से बचाने के लिए बड़ा काम किया है। अनुसंधान परिषद ने सेंट्रल व स्टेट एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी व विभिन्न संस्थानों के साथ मिलकर खेत फसलों की 524 और बागवानी फसलों की 167 नयी किस्में/संकर किस्में विकसित की हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अगस्त को 34 खेत ओर 25 बागवानी फसलों की कुल 109 किस्मों को राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने फसलों व बागवानी की ऐसी किस्मों पर भी काम किया है, जिनसे बंजर भूमि में भी खेती हो सकेगी। इतना ही नहीं, बाढ़, जलभराव, अत्याधिक गर्मी व कड़ाके की ठंड, लवणीय भूमि और कम फास्फोरस वाली जमीन में भी खेती संभव हो पाएगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि किसी भी किस्म को किसानों के लिए जारी करने के बाद बीज का उत्पादन करने वाली सरकारी व प्राइवेट एजेंसियों से मांग-पत्र के हिसाब से बीज उत्पादन केंद्रों द्वारा प्रजनक बीज का उत्पादन किया जाता है। इस पूरी प्रक्रिया में तीन वर्षों का समय लगता है। प्रमाणित बीज का डाउनस्ट्रीम गुणनीकरण करने के लिए एजेंसियों को बीजों की आपूर्ति की जाती है। बीज को पूरी तरह स जांचने-परखने के बाद इसकी आपूर्ति किसानों को होती है। कुरुक्षेत्र सांसद नवीन जिंदल ने लोकसभा में फसलों व बागवानी की नयी किस्मों को लेकर सवाल पूछा था। केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि 11 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खेत की 34 और बागवानी की 27 फसलों की कुल 109 गुण विशिष्ट किस्मों को राष्ट्र को समर्पित कर चुके हैं।524 नयी किस्में इजादभारतीय कृषि अनुंसधान परिषद के तत्वावधान में किसानों के लिए फसलों की 524 नयी किस्में इजाद की गई हैं। इनमें चावल की 126, गेहूं की 22, मक्का की 51, ज्वार की 12, बाजरा की 13, छोटे मिलेट की 21, जौ की एक, तिलहन की 55, भारतीय सरसों की 8, पीली सरसों की 2, मूंगफली की 8, सोयाबीन की 12, अलसी की 9, सूरजमुखी की 3, कुसुम की 4, मटर की 6, उड़द की 6, मूंग की 15, लोबिया की 3, राजमा की एक, कपास की 89, जूट की 5, गन्ने की 12, तम्बाकू की 2 तथा चारा फसलों की 24 किस्में प्रमुख रूप से शामिल हैं। ये किस्में अलग-अलग राज्यों में किसानों की जरूरत के हिसाब से विकसित की हैं।बागवानी की ये नयी किस्मेंअनुसंधान के बाद बागवानी से जुड़ी फसलों की 167 नई किस्में तैयार की हैं। इनमें बारहमासी मसाले की 19, बीजीय मसाले की 8, आलू एवं उष्णकटिबंधीय कंदावर फसलों की 8, रोपण फसलों की 6, फलदार फसलों की 40, सब्जियों की 70 तथा फूलों की 16 किस्में शामिल हैं। हालांकि खेती व बागवानी फसलों की नई किस्मांे में से अभी तक खेत की 34 और बागवानी की 27 फसलों की कुल 109 गुण विशिष्ट किस्मों को लागू किया गया है। बाकी पर अभी टेस्टिंग चल रही है।