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Farming News : जींद में 30 से ज्यादा गांवों में बरसे ओले, बारिश और तेज हवाओं से सरसों को नुकसान

04:06 PM Feb 21, 2025 IST
बारिश और ओलावृष्टि के बाद खेतों में बिछी गेहूं की फसल

जसमेर मलिक/जींद, 21 फरवरी (हमारे प्रतिनिधि)

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Farming News : जींद जिले में वीरवार रात को तेज हवाओं के साथ हुई बारिश और ओलावृष्टि ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल को बिछा दिया। रात को जींद के 30 से ज्यादा गांवों में ओले पड़े। 20 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से चली हवाओं के कारण गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई। ओलावृष्टि से गेहूं के साथ-साथ सरसों की फसल को भी नुकसान हुआ है।

नरवाना, उचाना, जींद तथा पिल्लूखेड़ा में बारिश के साथ ओले पड़े। नरवाना के दातासिंहवाला, उझाना, बेलरखां, भाणा ब्राह्मणान, नेपेवाला, सिंघवाल, खरकभूरा, उचाना, बड़ौदा, घोघड़ियां, कहसून, खटकड़, झांझ, बड़ौदी, अहिरका, जींद, मोरखी, लुदाना मालश्री खेड़ा समेत 30 से ज्यादा गांवों में ओलों की सफेद चादर बिछ गई।

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करीब 10 से 15 मिनट तक आसमान से केवल ओले ही बरसे। इसके बाद बारिश शुरू हो गई। ओलावृष्टि से सरसों की फसल पर आया फल झड़ गया है। करीब 20 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवा चली। जिन किसानों ने गेहूं की फसल में पिछले दो- तीन दिनों के दौरान सिंचाई की है, वो फसल तेज हवा चलने की वजह से गिर गई है।

फसल गिरने से पैदावार घटेगी, जिले में करीब 2.15 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल है। जनवरी व फरवरी के पहले पखवाड़े में सामान्य से कम वर्षा होने और तापमान ज्यादा रहने की वजह से गेहूं की फसल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। आगामी दिनों में भी तापमान ज्यादा रहता है और तेज हवा चलती है, तो पैदावार घटने की आशंका है। कृषि विज्ञान केंद्र पिंडारा के मौसम वैज्ञानिक डा. राजेश कुमार ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव से जिले में कुछ स्थानों पर हल्की वर्षा और बाकी स्थानों पर बूंदाबांदी हुई है। आगामी कुछ दिन मौसम साफ रहने और मौसम में बढ़ोतरी की संभावना है।

प्रभावित किसान करें ऑनलाइन आवेदन

जींद में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ. गिरीश नागपाल ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कलस्टर 2 में जींद जिला आता है। कृषि विभाग हरियाणा सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन अनुसार खरीफ 2024 से रबी 2025-26 के लिए एचडीएफसी एग्रो जनरल इन्शोरेंश कम्पनी का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि रबी सीजन में गेहूं, जौ, सरसों, चना व सूरजमुखी फसल का बीमा किया गया है। सभी बीमित किसान अत्यधिक बारिश व ओलावृष्टि होने पर फसल खराबे की सूचना खराबे से 72 घंटो के अन्दर- अन्दर दे सकते हैं।

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