किसानों के तेवर कड़े, आज घरौंडा में पंचायत
करनाल, 29 अगस्त (हप्र)
करनाल में शनिवार को हुए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने तेवर कड़े कर दिए हैं। लाठीचार्ज के विरोध में सोमवार को किसान संगठन पंचायत करेंगे और संघर्ष की रणनीति तैयार करेंगे। इधर भाकियू नेता राकेश टिकैत रविवार को करनाल पहुंचे और लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का हालचाल जानने के लिए कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज पहुंचे।
घायल किसानों से मुलाकात के बाद टिकैत ने कहा कि बसताड़ा टोल पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले और प्रदर्शनकारियों के सिर में डंडे मारने के आदेश देने वाले अधिकारियों का रवैया तालिबानियों से कम नही था। ऐसे अधिकारी की पोस्टिंग नक्सली क्षेत्र में होनी चाहिए। उक्त अधिकारी के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं होती, किसान चुप नहीं बैठगा।
टिकैत ने कहा कि सरकार टकराव की स्थिति चाहती है, आने वाले दिनों में इसका खमियाजा सरकार को पूरे देश में भुगतान पड़ेगा। उन्होंने कहा कल करनाल में किसान नेताओ की पंचायत होगी, उसमे आगामी रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज में घायल हुए किसानों का इलाज नहीं किया जा रहा। मेडिकल कॉलेज को पुलिस छावनी बना दिया गया है।
4 हजार किसानों पर हो चुके हैं केस दर्ज
भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि आंदोलन के बाद से प्रदेश में अब तक चार हजार से अधिक किसानों के खिलाफ मामले दर्ज हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कल की किसान पंचायत में तय होगा कि हम लाठी खाते रहें या कोई और कदम उठाएं। चढ़ूनी ने कहा कि सरकार किसानों के सिर में लाठियां मारने का आदेश देने वाले अधिकारी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करे। धरने में रायपुर जटान के सुशील काजल की मौत के मामले में कांग्रेस के जिला संयोजक त्रिलोचन सिंह ने उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।
27 किसानों पर एफआईआर : करनाल में जीटी रोड पर किसानों और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद पुलिस ने 27 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। इसके अलावा कल शाम फिर से किसानों द्वारा जीटी रोड पर 3 घंटे जाम लगाने के मामले भी अलग एफआईआर दर्ज की गई। एसपी गंगाराम पुनिया ने कहा कि बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों ने दो-तीन बार हाईवे को जाम किया।
एसडीएम की कही बात पर खेद : डीसी
डीसी निशांत कुमार यादव ने करनाल के एसडीएम आयुष सिंह के उन शब्दों पर आज खेद जताया, जिसमें एसडीएम नाका तोड़ने वालों का सिर फोड़ने की हिदायत पुलिस बल को दे रहे हैं। डीसी ने कहा कि करनाल एसडीएम ने यह शब्द रेलवे रोड करनाल को जाने वाले नाके पर प्रयोग किये, इसका टोल की घटना से कोई संबंध नहीं है। उनकी डयूटी टोल पर नही थी। उन्होंने कहा कि एसडीएम ने जो कहा उसके लिए मैं खेद प्रकट करता हूं, ऐसे शब्द नही निकलने चाहिये।
सुशील ठीक-ठाक गया था घर : एसपी
किसान सुशील काजल की मौत के मामले में एसपी गंगा राम पूनिया ने कहा कि सुशील की मौत पुलिस बल प्रयोग से नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि घायल हुए प्रदर्शनकारियों की जो एमएलआर कटी थी, उनमें सुशील की कोई एमएलआर नहीं है और न ही वह अस्पताल में दाखिल हुआ था। एसपी ने कहा कि सुशील ठीक-ठाक घर गया था और रात को उसकी मौत हो गई। परिजनों से पता चला है कि मौत का कारण हार्ट अटैक है। एसपी ने कहा कि किसानों के हमलों में 13 पुलिस कर्मियों को चोट आई है। अब तक 15 किसानों की एमएलआर मिली है।