मांगें लागू होने तक शम्भू मोर्चे पर डटे रहेंगे किसान
राजपुरा, 25 जून (निस)
रविवार 23 जून को नजदीक के कुछ गांवों के परेशान लोगों की ओर से शम्भू बॉर्डर पर किसानों से रास्ता खुलवाने की अपील के समय हुये हंगामे के बाद उक्त लोगों की ओर से 30 जून को धरना उठवाने की चेतावनी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आज किसान नेताओं ने नजदीकी गांवों के लोगों के साथ शम्भू बाॅर्डर पर प्रेस कांफ्रेंस की। इस दौरान गांववासियों ने किसान मोर्चे को पूरे समर्थन का आश्वासन दिया और 23 जून को कुछ लोगों की ओर से मोर्चे को खराब करने व स्टेज पर कब्जा करने की कोशिश की निंदा की। किसान नेताओं ने कहा कि जो लोग मोर्चे को बदनाम करने व कब्जा करने आये थे, उनके खिलाफ शिकायत एसएसपी पटियाला को दे दी गई है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मानी हुई मांगें केंद्र सरकार लागू नहीं करती है, वे यहां से नहीं उठेंगे, मोर्चा यहां डटा रहेगा।
इस मौके पर भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह घुमाणा, सुरिंदर सिंह के अलावा, भटेड़ी कलां गांव से जंग सिंह, जगमीत सिंह संधारसी, काका सिंह, बलबीर सिंह शम्भू कलां, अमरजीत सिंह, गुरविंदर सिंह व अन्य ने बताया कि शम्भू बाॅर्डर के नजदीक रहने वाले सभी ग्रामीण शुरू से ही किसान आंदोलन के साथ डटे हुये हैं और पिछले 135 दिनों से मोर्चे पर डटे किसानो को लंगर आदि के अलावा हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं।
बीती 23 जून को जो लोग इकट्ठे होकर यहां आये, उनमें गांव तेपला, राजगढ़ के कुछ लोगों को छोड़कर बाकी अन्य विरोधी पार्टियों तो कुछ रेत माइनिंग माफिया से जुडे लोग हैं। इसके अलावा अम्बाला से आये व्यापारी एक राष्ट्रीय पार्टी के पदाधिकारी थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी सोची समझी साजिश के तहत मोर्चे में रुकावट डालने व मंच पर कब्जा करने के लिये आये थे लेकिन किसान नेताओं ने सूझबूझ का परिचय देते हुए बड़ी घटना को टाल दिया। किसान नेताओं ने कहा कि वे पहले ही बता चुके हैं कि रास्ता उन्होंने नहीं, हरियाणा व केंद्र सरकारों ने रोका हुआ है। किसान अपनी मांगों, जो केंद्र सरकार मान चुकी है, को लागू करवाने के लिये दिल्ली जाने के लिये डटे हुये हैं। वे लोगों को हो रही परेशानी को समझते हैं। अगर वे रास्ता खुलवाना चाहते हैं तो किसान उनके साथ हैं। वे रास्ता खुलवा दें, किसान यहां से उठकर तय प्रोग्राम के अनुसार दिल्ली चले जायेंगे।