किसानों को ड्रोन चलाने का मिलेगा प्रशिक्षण
रोहतक, 14 नवंबर (हप्र)
प्रदेश का किसान अब खेती किसानी में जल्द ही ड्रोन का इस्तेमाल करेगा। अगर सब कुछ योजना अनुसार रहा तो सरकार द्वारा आगामी दिसंबर माह तक किसानों को ड्रोन उपलब्ध कराकर इनका प्रशिक्षण शुरू कर दिया जाएगा। ड्रोन तकनीक से छिड़काव करने से कम लागत लगती है और इससे कम समय में अधिक क्षेत्र में समान रूप से छिड़काव किया जा सकता है।
इस तकनीक से दवा, समय और पैसे तीनों की बचत होगी। साथ ही किसान जहरीले रसायनों के दुष्प्रभाव से भी बच सकेंगे। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के निदेशक डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी।
डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बताया कि सरकार द्वारा फसलों में नैनो डीएपी व नैनो यूरिया के छिड़काव के लिए ड्रोन को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग द्वारा आवेदन आमंत्रित किये गए थे। प्रथम चरण में 500 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। ड्रोन नई तकनीक है। इस तकनीक के जरिए ड्रोन से 18 से 20 किलो बोझ उठाकर एक एकड़ खेत में कीटनाशकों, उर्वरकों एवं पोषक तत्वों का सिर्फ 8 से 10 मिनट में छिड़काव कर सकते हैं।