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सस्ते आयात से बर्बाद होगा किसान : चढ़ूनी

07:20 AM Jun 29, 2025 IST
शाहाबाद मारकंडा में किसानों को संबोधित करते गुरनाम सिंह चढ़ूनी। -निस

शाहाबाद मारकंडा, 28 जून (निस)
भाकियू चढ़ूनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने देश में सस्ते आयात के बढ़ते खतरे और इसके भारतीय किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार कुछ ऐसी नीतियों पर काम कर रही है जिसके तहत गेहूं, सेब और दूध समेत 7 फसलों को विदेश से आयात करने की योजना है। इस बारे उच्चस्तरीय अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल व वाणिज्य मंत्री भी अमेरिका जाकर आ चुके हैं और 10 जुलाई तक इस मुद्दे पर अंतिम फैसला हो सकता है। वह आज अनाज मंडी स्थित किसान विश्रामगृह में किसानों को संबोधित कर रहे थे।
बैठक की अध्यक्षता ब्लॉक प्रधान हरकेश खानपुर ने की। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस, जसबीर सिंह मामूमाजरा, बलविंद्र सिंह नलवी, उपकार सिंह नलवी, कुलदीप दिनारपुर, जगीर सिंह बेरथली, बलविंद्र जंधेड़ी व अर्जुन भिंडर मौजूद थे। चढ़ूनी ने आरोप लगाया कि सरकार इस जानकारी को जनता से छिपा रही है। इससे किसानों की आजीविका खतरे में पड़ेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि अमेरिका जैसे देशों या उन देशों में सस्ती फसलों का आयात शुरू हुआ, जहां उत्पादन अधिक और लागत कम हैं तो भारतीय किसानों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी।
चढ़ूनी ने कहा कि भारत में किसान पहले से ही वेंटिलेटर पर है, सस्ता आयात होने से किसान पूरी तरह बर्बाद हो जाएगा। चढ़ूनी ने जोर देकर कहा कि भारतीय किसानों के पास खेती के अलावा रोजगार के अन्य विकल्प सीमित है और अधिकांश किसान छोटे जोत (दो-दो एकड़) के मालिक हैं। उन्होंने किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक बड़े आंदोलन की आवश्यकता पर बल दिया गया। चढूनी ने कहा कि सभी किसान संगठनों और राजनीतिक दलों को एक मंच पर आना होगा। राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश बैंस ने कहा कि इन समझौतों से देश में विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की बाढ़ आएगी, जिससे घरेलू उद्योगो व छोटे कारोबरियों व दुकानदारों पर सीधा सीधा असर पड़ेगा। इससे न केवल हमारे किसानों के साथ साथ अन्य वर्गों को भी भारी नुकसान होगा बल्कि भारत की खाद्य सुरक्षा और आत्मनिर्भरता पर भी बड़ा खतरा मंडराएगा।

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