धान खरीद के इंतजामों पर बिफरे किसान
रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 3 अक्तूबर
मंडियों में धान खरीद के इंतजाम बदहाल होने से नाराज किसान सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय के गेटों पर लेटकर शासन-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर विरोध जताया। किसानों के भारी विरोध को देखते हुए एसडीएम किसानों के बीच पहुंचे ओर किसानों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिलवाने के आश्वासन पर गेटों से हटें। जिसक बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
भाकियू प्रदेशाध्यक्ष रतनमान ने कहा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार डीसी अनीश यादव से मंडियों में किसानों की परेशानियों के बारे में बताने आए थे, लेकिन डीसी कभी नहीं मिलते, न ही फोन उठाते है। ऐसे अधिकारियों की वजह से सरकार से ही छवि धूमिल हो रही है। इसके बाद भाकियू के बैनर तले सैकड़ों किसान लघु सचिवालय के गेटों पर लेट गए।
रतनमान ने कहा कि इस बार पीआर धान कम हैं, रेट में तेजी है। मंडियों में खुली बोली होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। अगर खुली बोली होगी तो किसानों को फसल के ज्यादा रेट मिलेंगे। प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि करनाल की मंडी में धान को समर्थन मूल्य से अधिक पर खरीदा जा रहा है, लेकिन पर्चा समर्थन मूल्य का दिया जा रहा है। मंडियों में मिलीभगत से बाजार भाव को छिपाया जा रहा है, ये सब खरीद प्रक्रिया को बिगाड़ने की साजिश है। किसान नेता ने कहा कि बाढ़ के चलते किसानों के जमीने खराब हो चुकी हैं, मिट्टी ओर रेत खेतों में जमा हैं। किसान खेत होते हुए भी खेती से वंचित हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार मेरा खेत मेरी योजना बनाएं। सरकार ने जो योजना बनाई थी, वे सब फेल हो चुकी हैं। किसान को सरकार हक दे कि वे अपने खेतों से रेत व मिट्टी खुद बेच सकें। एसडीएम अभिनव मेहता ने बताया कि किसान नेताओं को बुधवार को सीएम मनोहर लाल से मिलवाया जाएगा।
मिलर्स की मनमानी पर खोला मोर्चा
असंध (निस) : नयी अनाज मंडी में असंध के राइस मिलर्स के मनमानी के खिलाफ किसानों ने मोर्चा खोल दिया है। किसानों ने पहले मार्केट कमेटी और बाद में मंडी के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। किसानों ने करीब दो घंटे तक तालाबंदी रखी। वहीं मंडी के गेट पर एक घंटे तक ताला लगाए रखा। इस दौरान लंबा जाम लग गया। आनन-फानन में एसडीएम वीरेंद्र ढुल व डीएसपी संदीप मौके पर पहुंचे। बाद में एसडीएम के आश्वासन के बाद किसान माने और ताले खोल दिए।
मंडी में धान ही धान, खरीद कम होने से धरतीपुत्र परेशान
यमुनानगर, 3 अक्तूबर (हप्र)
धान की खरीद शुरू हो चुकी है। मंडियों में लगातार धान आ रही है और साथ-साथ किसानों की परेशानियां भी बढ़ने लगी हैं। इस बार धान की कुछ किस्म का रिकॉर्ड उत्पादन हुआ है। धान की 7301 व 7501 वैरायटी एवं कुछ अन्य किस्म में प्रति एकड़ 35 से 40 क्विंटल धान निकल रही है। जबकि सरकार प्रति एकड़ 28 क्विंटल से अधिक नहीं खरीद रही। इसी को लेकर किसान परेशान है।
अगर किसान इससे अधिक धान मंडी में लाता है तो बाकी की धान खरीदी नहीं जाती। किसान नेता व कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता सतपाल कौशिक, प्रदीप अग्रवाल का कहना है कि सरकार को धरातल पर आकर जानकारी लेनी चाहिए । इस समय कुछ किस्म की हाइब्रिड की धान प्रति एकड़ 38 से 40 क्विंटल तक निकल रही है। जबकि सरकार ने 28 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदने का फरमान जारी किया हुआ है। बाकी की धान को किसान कहां ले जाएगा। उन्होंने कहा कि पोर्टल की वजह से किसान काफी परेशान है। मार्केटिंग बोर्ड के कार्यकारी अधिकारी मोहित बेरी का कहना है कि धान की खरीद में फिलहाल किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। अभी तक 150000 क्विंटल धान आ चुकी है। जिसमें से 120000 क्विंटल की परचेज हो चुकी है।