इमिग्रेशन सेंटर के खिलाफ किसानों ने दिया धरना, बोले-पैसे वापस दिलवाकर रहेंगे
बरनाला, 15 मई (निस)
बुधवार को किसानों ने इमिग्रेशन सेंटर के खिलाफ बरनाला की अनाज मंडी में धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने कहा कि वह इमिग्रेशन सेंटर से हर हाल में वापस दिलवाएंगे। भारतीय किसान यूनियन (डकौंदा) के ब्लॉक प्रधान सीरा शैहना ने कहा कि सैफी मित्तल को इमिग्रेशन सेंटर ने विदेश भेजा था। इमिग्रेशन सेंटर के पास लाइसेंस भी नहीं है। युवक को इंग्लैंड जाकर पता चला कि जिस कंपनी में उसे काम दिलवाने की बात कही गई थी वह कंपनी वहां थी ही नहीं। जब इमिग्रेशन सेंटर वालों से बात की तो उन्होंने कहा था कि वह उनके 17 लाख रुपए वापस दे देंगे। साढ़े 8 लाख का चेक दे दिया लेकिन बाद में बाकी पैसे देने से मुकर गए। युवक के पिता मक्खन लाल ने बताया कि उसने अपने लड़के को काम के लिए इमिग्रेशन सेंटर के जरिये विदेश भेजा था लेकिन वहां पर उसे नौकरी देने वाली कंपनी थी ही नहीं। वहीं इमिग्रेशन सेंटर चलाने वाले संजीव कुमार ने कहा कि आरोप निराधार हैं। उन्होंने तो वीजा लगवाकर वर्क परमिट भी दिया है। युवक वहां पर काम नहीं करना चाहता है तो वह क्या कर सकते हैं। इसमें उनका कोई कसूर नहीं है।
सोमवार को किसानों की व्यापारियों से हुई थी झड़प
बता दें कि सोमवार को पक्का कॉलेज रोड पर इमिग्रेशन सेंटर के खिलाफ किसान धरना दे रहे थे, इस दौरान उनकी व्यापारियों से झड़प हो गई थी। माहौल तनावपूर्ण हो गया था। आलम यह था कि डीएसपी सिटी के मौके पर होने के बावजूद लाठियां चली थीं। पुलिस ने बीच-बचाव किया था। व्यापारियों ने किसान संगठनों के साथ आए लोगों पर गुंडागर्दी के आरोप लगाए थे।
व्यापारियों ने बैठक कर बाजार बंद करने का किया था फैसला
बता दें कि मंगलवार को व्यापारियों ने बैठक कर बुधवार को बरनाला बंद रखने का एेलान किया था। उनका आरोप था कि पक्का कॉलेज रोड पर दुकान के आगे किसानों ने धरना लगाकर व्यापारियों पर हमला किया। व्यापार मंडल के प्रधान अनिल बांसल नाणा ने व्यापारियों से मारपीट का वीडियो भी वायरल हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।