किसानों ने दिया धरना, यातायात भी रोका
समराला, 3 जनवरी (निस)
सरहिंद नहर में कृषि सिंचाई के लिए अधिक पानी छोड़ने और पानी के बहाव को निर्विघ्न चलाने को लेकर सिंचाई विभाग द्वारा नहर के किनारों को पक्का करने और कुछ जगहों पर नहर को चौड़ा करने को लेकर किसान जत्थेबंदियों ने अपना विरोध यह कह कर दर्ज कराया है कि ऐसा करने से पानी का स्तर नीचे चला जाएगा जिससे उनकी जमीनें बंजर हो जाएंगी। किसानों ने गढ़ी पुल के पास आज दूसरे दिन फिर धरना दिया और यातायात को बाधित किया।
पता लगते ही प्रशासन हरकत में आया। सहायक कमिश्नर लुधियाना, रजनीश अरोड़ा एसडीएम समराला व सिंचाई विभाग के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और प्रदर्शनकारी किसानों को समझने बुझाने का प्रयत्न किया। अधिकारियों ने किसानों को बताया कि नहर को पक्का करने से पानी के जमीनी स्तर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा । अधिकारियों ने किसानों को बताया के पहले नहर में कृषि के लिए 12 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाता था जबकि नई योजना के अनुसार 15500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाएगा, जो कि फसलों की सिंचाई के लिए लाभप्रद होगा। अधिकारियों ने किसानों को शांत करने के लिए फिलहाल नहर की खुदाई का काम रुकवा दिया है और दोनों पक्षों में बैठकों का दौर सारा दिन जारी रहा।
विभिन्न किसान गुटों और एसडीएम समराला के बीच देर शाम तक लंबे दौर की मीटिंग में दोनों पक्षों के बीच सहमति बनी। प्रशासन ने समराला तहसील क्षेत्र तक के इलाके से गुजरने वाली नहर के साथ छेड़छाड़ न करने की किसानों की शर्त मान ली और दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनने पर किसानों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया और प्रशासन ने राहत की सांस ली।