आने वाली पीढ़ियों के लिए प्राकृतिक खेती अपनायें किसान
करनाल, 12 जुलाई (हप्र)
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने शहर में स्थित मंगलसेन ऑडिटोरियम में किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक किया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के उज्जवल भविष्य के लिए हम सब को प्राकृतिक खेती अपनानी होगी। उन्होंने किसानों को बताया कि जैविक खेती भारत की मूल खेती नहीं है। इसे छोड़कर हम सबको प्राकृतिक खेती ही अपनानी चाहिए। जिस प्रकार से जंगलों में प्रकृति के माध्यम से ही सब पौधे फलते-फूलते हैं, उसी प्रकार हम सब को अपने खेत में भी सभी फसलों को प्राकृतिक रूप से उगाना चाहिए।
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि गाय के एक टन गोबर की खाद से लगभग दो किलो नाइट्रोजन बनता है। इसलिए हमें गाय की खाद को ही खेत में ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए। खेत में गाय के गोबर की खाद डालने से लागत में कमी व उत्पादन बढ़ाने में भी हमारे काम आता है। भारत में गाय हमें उपकार के रूप में मिली है। दूध देने वाली देशी गाय के एक किलोग्राम गोबर में लगभग 300 करोड़ सूक्ष्म जीवाणु होते हैं। ये सूक्ष्म जीवाणु ही हमारी भूमि में उत्पादन बढ़ाने को लेकर मित्र कीट का कार्य करते हैं। हरियाणा में प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों के बीच में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान उन्होंने करनाल जिले में तैनात कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. वजीर सिंह की भी खुले मन से प्रशंसा की और कहा कि वे कृषि विभाग तथा किसानों के लिए अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने डॉ. वजीर सिंह को स्मृति चिह्न देकर भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर आचार्य देवव्रत ने आमजन से अपील की कि वे वर्तमान युग में फैमिली डॉक्टर नहीं बल्कि प्राकृतिक किसान ढूंढें। प्राकृतिक खेती को देश भर में लाखों किसान अपना रहे हैं और वे जमीन में उत्पाद प्राकृतिक रूप से ही कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कृषि क्षेत्र में अच्छा कार्य करने वाले कुछ प्रगतिशील किसानों को भी स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने विभिन्न कम्पनियों द्वारा लगाई गई तकनीकी मशीनों तथा उत्तम बीजों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
ये रहे मौजूद
एमडी शुगर मिल हितेश, प्रबंध निदेशक एसबीआई बैंक कॉर्पोरेट मुम्बई सुरेंद्र राणा, चंडीगढ़ मंडल के मुख्य महाप्रबंधक एसबीआई बैंक कृष्ण शर्मा, शांतनु पिंडसे सीजीएम एसबीआई बैंक कॉर्पोरेट, सुरेश मल्होत्रा उप कुलपति महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल, चंडीगढ़ शाखा प्रबंधक शक्ति सिंह सांगवान, डॉ राजेश लाठर, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे।