डीएपी खाद की किल्लत पर किसानों ने की नारेबाजी
कैथल, 28 अक्तूबर (हप्र)
डीएपी खाद की किल्लत पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया और दोटूक चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही खाद की किल्लत को दूर नहीं किया गया तो भाकियू किसानों के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन का शंखनाद करेगी।
ढांड भाकियू कार्यालय में किसानों की बैठक संपन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता भाकियू प्रदेश महासचिव भूरा राम पबनावा ने की व विशेष रूप से युवा भाकियू प्रदेशाध्यक्ष राजीव आर्य ढांड ने शिरकत की। खाद की कमी के प्रति रोष जाहिर करते हुए किसान नेता राजीव आर्य ढांड व भूरा राम पबनावा ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते हर बार किसानों को फसलों की रोपाई के समय डीएपी खाद की भारी कमी से जूझना पड़ता है। आज किसान खाद लेने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर है, लेकिन धरतीपुत्र किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। किसान मजबूरी में कालाबाजारी में महंगे दामों पर खाद खरीदने पर मजबूर है और साथ में बेवजह दवाइयां भी लेनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि भाकियू फसल कटाई के साथ ही सरकार से किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद मुहैया करवाने की मांग कर रही थी, लेकिन सरकार ने किसानों की मांग को अनसुना कर दिया। जिसका परिणाम यह निकला कि आज किसान प्रदेश भर में खाद लेने के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने पर मजबूर है, लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। जिसका खामियाजा किसानों को फसलों की देरी से रोपाई के रूप में भुगतना पड़ रहा है। डीएपी आने में देरी हो गई तो सींचे गए खेत अगर सूख जाएंगे और किसानों को फिर से खेतों की सिंचाई करनी पड़ेगी। जब डीएपी उपलब्ध थी तो डीएपी का वितरण सही तरीके से नहीं किया गया। किसान नेता राजीव आर्य ढांड ने मांग करते हुए कहा कि सरकार बिना देरी किए किसानों को भरपूर मात्रा में खाद मुहैया करवाने के साथ खाद की कालाबाजारी एवं जबरदस्ती दवाइयां देने वाले दुकानदारों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें, नहीं तो भाकियू सड़कों पर उतरने पर मजबूर होगी।