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किसानों ने नहर में मिट्टी डालकर लगाया टैंट, दिया धरना

07:02 AM Jun 23, 2024 IST
डबवाली में नवनिर्मित आसाखेड़ा माइनर को मिट्टी से भरकर ऊपर टेंट लगा धरना देते गांव चौटाला के किसान। -निस

डबवाली, 22 जून (निस)
आसाखेड़ा माइनर के पुन: निर्माण में डिजाइन की अनियमितताओं के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार तीखा रुख अख्तियार कर रहा है। चौटाला के किसानों ने शनिवार को नवनिर्मित माइनर में मिटटी डाल कर उसके धरना टेंट लगा दिया। निर्माण के बाद 24 जून को पहली बार माइनर में पानी छोड़ा जाना है। पुन: निर्माण के अंतर्गत माइनर की बुर्जी नंबर 33000 पर 22 इंच चौड़े फॉल (ठोकर) को कम करके 15 इंच किया गया है। बता दें कि चार दिनों से धरनारत चौटाला के किसान माइनर की बुर्जी नंबर 42000 पर धरनारत हैं। लगातार दुसरे दिन शनिवार को सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता मनदीप बैनीवाल, नायब तहसीलदार रणवीर सिंह, डीएसपी किशोरी लाल व एसडीओ मुकेश सुथार धरनारत किसानो से मसले पर बातचीत के लिए पहुंचे। किसानों व प्रशासन के मध्य बातचीत असफल रही। विभाग अपने स्तर पर मोधों में लीपापोती कर 24 जून को पानी चलाने की तैयारी में जुटा है। प्रशासन की मंशा को भांपते हुए किसानों ने माइनर में करीब 30 फुट लंबाई तक जेसीबी से मिटटी डाल कर भर दिया। किसानों का आरोप है कि फाल की चौड़ाई कम करने से पानी आमद की मात्रा में भारी कमी आयेगी, जिससे बुर्जी नंबर 42000 आसाखेडा लेफ्ट एंड राईट टेल पर पानी न पहुँचने से उनका करीब 2250 एकड़ सिंचाई रकबा प्रभावित होगा। बिना फिजिकल जाँच के माइनर डिजाईन के चलते सिंचाई विभाग की जान सांसत में फंसी हुई है। किसान नेता प्रह्लाद सिंह व दया राम उलानिया ने कहा कि माइनर के पानी में बुर्जी नंबर 42000 आसाखेडा लेफ्ट एंड राईट टेल के किसानों का 21 प्रतिशत हिस्सा है, उनका 5.70 क्यूसिक पानी पर हक़ बनता है, वह 5.25 क्यूसिक पर राजी हैं। उन्होंने अधिकारियों को एक सप्ताह बतौर ट्रायल फॉल को 15 से 18 इंच करने की पेशकश की थी, जिस पर अधिकारी राजी नहीं हुए। प्रह्लाद सिंह ने कहा कि ठेकदार व विभागीय खामियों को छुपाने के लिए अधिकारिक तंत्र माइनर में एक बार पानी छोड़ कर मामले का रुख बदलने की फ़िराक में है।

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