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Delhi Chalo: खनौरी बार्डर पर भी हलचल, धारा 163 लागू, डेढ़ हज़ार सुरक्षा कर्मी तेनात

02:46 PM Dec 06, 2024 IST
delhi chalo  खनौरी बार्डर पर भी हलचल  धारा 163 लागू  डेढ़ हज़ार सुरक्षा कर्मी तेनात
शंभू बार्डर पार करने का प्रयास करते किसान। ट्रिब्यून
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नयी दिल्ली/चंडीगढ़, 6 दिसंबर (भाषा/ट्रिन्यू)

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Delhi Chalo: पंजाब के किसानों अपनी मांगों लेकर दिल्ली कूच शुरू हो गया है। 101 किसानों का एक दल पैदल अंबाला की ओर बढ़ते हुए दो बैरिकेड पार कर चुका है, लेकिन सुरक्षा बलों ने इसके बाद तीसरे बैरिकेड पर  उन्हें रोक लिया। किसानों ने विरोध जताते हुए बैरिकेड और कंटीले तार उखाड़ दिए। इसके बाद हरियाणा पुलिस ने उन्हें चेतावनी दी, जिसके चलते किसान और पुलिस के बीच तनावपूर्ण स्थिति बन गई है।

खनौरी बार्डर पर भी हरियाणा सरकार द्वारा भारी संख्या में सुरक्षा बलों को तेनात किया गया है। साथ में खनौरी बॉर्डर पर बीएनएस की धारा 163 (पहले धारा 144) लगा दी गई है। में अगर यहां 5 या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा होंगे तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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शंभू सीमा पर हुए घटना क्रम के बाद खनौरी बॉर्डर पर हलचल शुरू हो गई है, भले ही खनौरी बार्डर से किसानों ने मार्च नहीं शुरू किया है लेकिन खनौरी बॉर्डर- 13 कंपनियां पुलिस, एक-एक कंपनी सीआरपीएफ और बीएसएफ की तैनात की गई है। कुल करीब डेढ़ हजार से ज्यादा कर्मचारी तैनात हैं। साथ में 3 जेसीबी, वाटर कैनन व्हीकल, 3 वज्र वाहन, 20 रोडवेज बसें और पुलिस की 7 बसें खड़ी की गई हैं। 30 किमी के एरिया में 3 जगह यानी तीन लेवल बैरिकेडिंग की गई है। सुरक्षा बलों के पास आंशु गोले और अन्य साजोसामान भी है।

किसानों और पुलिस के आमने-सामने आने से बॉर्डर पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। प्रशासन और किसानों के बीच टकराव बढ़ने की आशंका है। किसान संगठनों ने साफ किया है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों के लिए आगे बढ़ेंगे।

दिल्ली पुलिस ने पंजाब के किसानों के शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च से पहले सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। वहीं, सरकार ने अंबाला के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई है।

पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का एक जत्था शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया। किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित कुछ मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए मार्च कर रहे हैं।

हरियाणा की सीमा पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। अंबाला जिला प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इस धारा के तहत जिले में पांच या अधिक व्यक्तियों की किसी भी गैरकानूनी सभा पर रोक है। उपायुक्त द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अगले आदेश तक पैदल, वाहन या अन्य साधनों से किसी भी प्रकार का मार्च निकालने पर रोक लगा दी गई है।

इस बीच, अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंद करने का आदेश दिया है। अंबाला के जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा, ‘‘शुक्रवार को सरकारी और निजी स्कूल बंद रहेंगे।'' राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर शंभू बॉर्डर बिंदु - राजपुरा (पंजाब)-अंबाला (हरियाणा) पर पहले से ही बहुस्तरीय अवरोधक लगाए गए हैं।

शंभू बॉर्डर पर पानी की बौछारें करने की भी व्यवस्था की गई है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मार्च शुरू करने वाले 101 किसानों को ‘मरजीवड़ा' (ऐसे लोग जो किसी मकसद के लिए जान भी देने को तैयार हों) कहा।

पंधेर ने कहा कि मार्च ‘‘शांतिपूर्ण तरीके'' से निकाला जाएगा। उन्होंने हरियाणा प्रशासन द्वारा पैदल मार्च पर रोक लगाए जाने की आलोचना की। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा कि किसान अपने साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं ले जाएंगे।

अंबाला के उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट ने 30 नवंबर के एक आदेश में बीएनएसएस की धारा 163 को लागू करते हुए पांच या अधिक व्यक्तियों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने और पैदल, वाहनों या किसी अन्य माध्यम से जुलूस निकालने पर रोक लगा दी।

आदेश में कहा गया है, “ऐसी आशंका है कि बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी पंजाब और हरियाणा से आएंगे और दिल्ली की ओर बढ़ने के लिए शंभू बॉर्डर पर इकट्ठा होंगे, इसलिए बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू करने समेत सीमा बिंदुओं पर और जिले में उचित कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि ऐसा कोई व्यक्ति आवागमन न कर सके जिसने पहले से इसके लिए स्वीकृति न ली हो।”

किसानों के अनुसार, उनके पहले जत्थे का नेतृत्व सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह और बलजिंदर सिंह करेंगे। यह जत्था अपने साथ केवल आवश्यक वस्तुएं ही लेकर जाएगा। हरियाणा की सीमा पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों को भी तैनात किया गया है।

अंबाला जिला प्रशासन ने बुधवार को किसानों से मार्च पर पुनर्विचार करने और दिल्ली पुलिस से अनुमति लेने के बाद ही कोई कार्रवाई करने का आग्रह किया था। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में इससे पहले पैदल दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी। उनकी मांगों में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कई अन्य मांग शामिल हैं।

सुरक्षा बलों द्वारा दिल्ली की ओर मार्च करने से रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। इस बीच, एसकेएम नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बॉर्डर बिंदु पर अपना आमरण अनशन जारी रखा।

किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों एवं खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वे 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय'', भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।

दिल्ली पुलिस अलर्ट पर

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है और सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सिंघू बॉर्डर पर फिलहाल कम संख्या में बलों को तैनात किया गया है, लेकिन पंजाब-हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर पर स्थिति के अनुसार इसे बढ़ाया जा सकता है।''

उन्होंने कहा कि सीमा पर और दिल्ली के मध्य भाग में सुरक्षा व्यवस्थाओं के कारण यातायात प्रभावित होने की संभावना है। अधिकारी ने कहा कि पुलिस नोएडा सीमा पर भी नजर रख रही है, जहां उत्तर प्रदेश के किसानों का एक अन्य समूह धरना दे रहा है।

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