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किसानों का विरोध, रास्ते सील होने से आमजन परेशान

12:42 PM Aug 29, 2021 IST

करनाल, 28 अगस्त (हप्र)

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भाजपा की प्रदेश स्तरीय बैठक का विरोध करने के लिए किसानों को करनाल के गुरुद्वारा डेरा कार सेवा में एकत्रित होना था, लेकिन पुलिस ने कार्यक्रम स्थल रेलवे रोड की और जाने वाले सभी मार्गों को सील कर दिया। इसके चलते शहर में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। आसपास के गांवों से शहर की और आए ग्रामीणों को जब शहर में एंट्री नहीं मिली तो उन्होंने भी स्थानीय लोगों के साथ मिलकर शहर में सरकार विरोधी प्रदर्शन किए। भाजपा के इस कार्यक्रम को किसानों के रोष प्रदर्शन से बचाने के लिए प्रशासन द्वारा पूरे शहर में की गई किलेबंदी से आमजन भी परेशान रहे। सुबह स्कूल और कार्यालयों के लिए घर से निकले कर्मचारी व छात्र समझ नहीं पा रहे थे कि वह किस रास्ते से जाएं। पुलिस ने रात में ही शहर के सभी प्रमुख मार्गों पर सड़कों के बीच भारी भरकम डंपर खड़े करके रेलवे रोड की और जाने वाले सभी रास्तों को सील कर दिया था।

पुलिस की चौतरफा नाकेबंदी से वह लोग ज्यादा परेशान हुए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पतालों में जाना था। पुलिस ने किसी की एक नहीं सुनी। आपरेशन करवाने के लिए अपने पति के साथ घर से निकली एक महिला पुलिस कर्मियों से बार बार रास्ता देने की अपील करती रही, लेकिन पुलिस उन्हें शहर में नहीं जाने दिया।

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कानून के हिसाब से कार्रवाई : डीसी

उपायुक्त निशांत कुमार यादव और पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया ने कहा कि शहर की नाकाबंदी की गयी थी ताकि असामाजिक तत्व उपद्रव न करें। उन्होंने कहा, अगर कोई रास्ता जाम करेगा तो फोर्स का इस्तेमाल किया जाएगा। उपायुक्त ने कहा कि सभी कदम कानून के दायरे में रहकर उठाये गये हैं। किसी को कानून नहीं तोड़ने देंगे।

आत्मरक्षा में किया हल्का लाठीचार्ज

हरियाणा के एडीजीपी नवदीप सिंह विर्क ने जारी बयान में कहा कि आज सुबह ही किसानों ने जबरदस्ती नेशनल हाईवे को जाम किया। प्रदर्शनकारियों ने जबरदस्ती करनाल शहर की तरफ जाने की भी की कोशिश। पुलिस ने जब प्रदर्शनकारियों को रोकना चाहा तो पुलिस पर हमला किया गया। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में प्रदर्शनकारियों पर हल्का लाठीचार्ज किया। प्रदर्शनकारियों के हमले में 10 पुलिस कर्मी घायल हुए हैँ। प्रदर्शनकारियों ने संयुक्त किसान मोर्चा के साथ हुई संधि का भी उल्लंघन किया। टोहाना में संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि कोई भी प्रदर्शन उग्र या हिंसात्मक नहीं होगा।

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