Farmers Protest : पुलिस ने गिरफ्तार किसान नेताओं को किया रिहा, धरना जारी रखने का फैसला
नोएडा, 4 दिसंबर (भाषा)
उत्तर प्रदेश के नोएडा में दलित प्रेरणास्थल पर शांति भंग करने के लिए गिरफ्तार किए गए संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को पुलिस ने बुधवार शाम को रिहा कर दिया। पुलिस ने मंगलवार शाम को करीब 160 लोगों की गिरफ्तार किया था। हालांकि, कई बुजुर्ग, महिलाओं और बीमार लोगों को जेल के गेट से मुचलके पर ही छोड़ दिया गया था।
किसान नेता अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे हैं और जेल से रिहा होने के बाद कई प्रदर्शनकारी यमुना एक्सप्रेसवे के ‘जीरो प्वाइंट' पर जारी किसान पंचायत में शामिल हुए, जहां सभी ने धरना प्रदर्शन जारी रखने का निर्णय लिया। हालांकि किसान नेता वीरवार सुबह फिर से ‘जीरो प्वाइंट' पर इकट्ठा होकर बैठक करेंगे, जिसके बाद यह निर्णय लिया जाएगा की धरना कहीं और शुरू किया जाए या फिर उसी जगह।
किसान नेता सुनील फौजी ने बताया कि नोएडा के दलित प्रेरणा स्थल पर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे 160 से ज्यादा किसानों को मंगलवार को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिनमें से 123 किसानों को पुलिस ने गौतम बुद्ध नगर की लुक्सर जेल में भेज दिया था। कुछ किसानों को मुचलके पर छोड़ा गया था, जिनमें महिलाएं भी शामिल हैं।
किसानों की गिरफ्तारी के बाद भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे के ‘जीरो प्वाइंट' पर महापंचायत बुलाई थी, लेकिन महापंचायत में भाग लेने के लिए मुजफ्फरनगर से निकले नरेश टिकैत को भौंवरा कला तथा राकेश टिकैत को अलीगढ़ के टप्पल में रोक दिया गया।
राकेश टिकैत की अनुपस्थिति में उनके बेटे गौरव टिकैत ने महापंचायत को संबोधित किया था हालांकि राकेश टिकैत शाम को पुलिस को चकमा देकर पंचायत स्थल पर पहुंचने के लिए दौड़ते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर चढ़ गए। घटना से जुड़ा एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें राकेश टिकैत को एक कैंटर पर चढ़ते हुए और उनके पीछे-पीछे पुलिसकर्मियों को दौड़ते हुए देखा जा सकता है।
हालांकि पुलिस वालों ने कैंटर रुकवा कर उन्हें दोबारा से रोक लिया। उन्होंने दावा किया कि किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण प्रशासन ने गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा कर दिया, जिनमें सुखबीर खलीफा, पवन खटाना, डॉ. रुपेश वर्मा, सुनील फौजी, सुभाष चौधरी, विकास, जतन, बॉबी नागर ,अमन ठाकुर आदि शामिल हैं।
किसान नेताओं की जेल से रिहाई के बाद उनके महापंचायत में पहुंचते ही वहां बैठे किसानों में खुशी की लहर दौड़ गई। महापंचायत में शामिल होने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, हापुड़, गाजियाबाद, शामली, बागपत, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर और मेरठ से बड़ी संख्या में किसान अपने-अपने निजी वाहनों और ट्रैक्टर-ट्रॉली से पहुंचे।