Farmers Protest: शांतिपूर्वक दिल्ली कूच कर रहे 101 किसानों के जत्थे पर आंसू गैस के गोले दागना सरकारी बर्बरता: अमित सिहाग
इकबाल सिंह शान्त/निस, डबवाली, 15 दिसंबर
Farmers Protest: डबवाली के पूर्व विधायक अमित सिहाग ने शांतिपूर्वक दिल्ली कूच कर रहे 101 किसानों के जत्थे पर आंसू गैस के गोले दागने, वाटर कैनन चलाने को सरकारी बर्बरता बताया है।
सिहाग ने कहा कि विगत कई माह से शंभू बॉर्डर पर किसान अपनी मांगों को लेकर धरनारत हैं, लेकिन हरियाणा की भाजपा सरकार उन्हें दिल्ली जाने से रोकने के लिए ओछे हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि गत दिवस किसानों के जत्थे द्वारा शांतिपूर्वक दिल्ली कूच करने के प्रयास को विफल करने के लिए हरियाणा पुलिस द्वारा उन पर आंसू गैस के गोले बरसाए गए, वाटर कैनन का प्रयोग किया गया जो की अति निंदनीय है। उन्होंने कहा कि सरकार और प्रशासन का यह कृत्य माहौल खराब करने वाला है।
अमित सिहाग ने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार के नेता खुद को किसान हितैषी बताते हैं, किसान हित में बड़ी-बड़ी करते हैं, लेकिन उसके विपरीत जब उनकी सरकार किसानों को दिल्ली जाने से रोकती है, उन पर आंसू गैस के गोले दागने का काम करती है तो वह चुप्पी धार लेते हैं, जिससे पता चलता है कि वो किसानों के हक के लिए कितने संजीदा हैं। उन्होंने कहा कि अपनी मांगों को मनवाने के लिए संविधान में मिले धरने प्रदर्शन के हक से हरियाणा तथा केंद्र की भाजपा सरकार किसानों को वंचित कर रही है जो कि सरासर गलत है।
आरोप: भाजपा सरकार बार-बार झूठ बोल किसानों को गुमराह कर रही
पूर्व विधायक ने कहा कि खुद को किसान हितैषी कहने वाली भाजपा सरकार बार-बार झूठ बोलकर किसानों को गुमराह करने का काम कर रही है, एक तरफ सरकार कह रही है कि वह अधिकतम फसलों पर एमएसपी दे रही है और अगर सरकार की यह बात सच है तो किसान धरना प्रदर्शन क्यों कर रहे हैं? सिहाग ने कहा कि पहले किसान आंदोलन में सरकार ने किसानों की मांगों को मानने की बात कही थी जिस पर किसानों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था, लेकिन बाद में सरकार अपनी कही बात से पीछे हट गई जिसके चलते किसानों में व्यापक रोष है।
कहा: डल्लेवाल के स्वास्थ्य पर मूकदर्शक केंद्र व राज्य सरकार
अमित सिहाग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत का विशेष ध्यान रखने का आदेश दिया हुआ है, लेकिन बावजूद इसके लगातार नाज़ुक होती जा रही डल्लेवाल की सेहत पर हरियाणा तथा केंद्र सरकार मूकदर्शक बनी हुई है और किसानों से बातचीत नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि किसी भी विवाद का समाधान संवाद से होता है और सरकार को बिना देरी किए किसानों से संवाद स्थापित करते हुए उनकी मांगों को मानने का काम करना चाहिए, ताकि कंपकपाती ठंड में किसान अपने घरों में वापस जा सके।