Farmers protest: पंजाब में किसानों का प्रदर्शन, चार घंटे करेंगे मुख्य मार्गों को अवरुद्ध
चंडीगढ़, 25 अक्तूबर (ट्रिन्यू)
Farmers protest: संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने पंजाब में धान की धीमी खरीद का आरोप लगाते हुए राज्य में मुख्य सड़कों को आज चार घंटे बंद रखने का एलान किया है। इसके कारण लोगों को परेशानी होगी। लालड़ू मंडी आईटीआई चौक पर किसान सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक धरना देंगे। इससे चंडीगढ़-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध होगा।
डेरा बस्सी के डीएसपी बिक्रमजीत सिंह बराड़ ने कहा, "मुख्य सड़क कुछ समय के लिए बंद रहेगी। डेरा बस्सी से बरवाला रोड तक यातायात चालू रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है।" रूपनगर जिले में, पुलिस लाइन - टी पॉइंट, मोरिंडा, बुंगा साहिब, भरतगढ़ और अगमपुर में नाकेबंदी की जाएगी।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने धान की धीमी खरीद के खिलाफ अपनी भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए बुधवार को 32 किसान संगठनों की एक बैठक बुलाई थी और 25 अक्टूबर को राज्य में सड़कों की नाकेबंदी की घोषणा की थी।
मान ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में धान की निर्बाध खरीद सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी। केंद्रीय गृह मंत्री के साथ फोन पर बातचीत के दौरान, भगवंत सिंह मान ने उन्हें खरीद प्रक्रिया में आ रही समस्याओं से अवगत कराया। उन्होंने गृह मंत्री को बताया कि परिवहन लागत, भंडारण की कमी, हाइब्रिड किस्म की गुणवत्ता और शेलर मालिकों के घाटे जैसी समस्याओं का खरीद प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार से देश के व्यापक हित में इन समस्याओं का तत्काल समाधान निकालने की अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान, आढ़तियों और मिल मालिक देश की खाद्य सुरक्षा की रीढ़ की हड्डी हैं। उन्होंने कहा कि हमारे किसान अनाज उगाते हैं जबकि आढ़तिया और मिल मालिक यह सुनिश्चित करते हैं कि उनकी खरीद, भंडारण और उठान सही तरीके से की जाए। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस साल राज्य में 185 लाख मीट्रिक टन धान आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अनाज की निर्बाध खरीद के लिए पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।
हालांकि, मुख्यमंत्री ने कहा कि मिलरों के कुछ मुद्दे जैसे धान का भंडारण, ड्रेनेज और परिवहन केंद्र सरकार से संबंधित हैं, जिसके कारण उठान प्रक्रिया धीमी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उन्होंने पहले ही इन मुद्दों को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया।