Farmers protest: पंजाब में वित्त मंत्री सहित कई मंत्रियों व विधायकों के आवास के बाहर किसानों का धरना
गुरतेज सिंह प्यासा/निस, संगरूर, 10 मार्च
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर पंजाब में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। सोमवार को वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, कैबिनेट मंत्री एवं आप प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा, कैबिनेट मंत्री वरिंदर गोयल सहित अन्य विधायकों के आवासों के बाहर किसानों ने धरना दिया।
केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना
धरना प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दे रही। किसान नेताओं का कहना है कि हमारी जायज मांगों को सुनने की बजाय सरकार हमें देश की राजधानी में घुसने से रोक रही है।
वहीं, पंजाब सरकार सहयोग नहीं कर रही। किसान संगठनों का आरोप है कि आम आदमी पार्टी की सरकार भी दिल्ली जाने के रास्ते में बाधा डाल रही है, जिससे हम अपनी आवाज केंद्र तक नहीं पहुंचा पा रहे।
किसानों ने दी बड़े संघर्ष की चेतावनी
किसान नेताओं ने पंजाब सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो संघर्ष को और तेज किया जाएगा। गौरतलब है कि किसान संगठनों की प्रमुख मांगों में एमएसपी की गारंटी, कृषि कानूनों की वापसी के बाद किए गए वादों को पूरा करने और कर्ज माफी जैसी मांगें शामिल हैं।
किसान संगठनों द्वारा विधायक की कोठी समक्ष धरना, की नारेबाजी
बरनाला से रविंदर शर्मा के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर जिला बरनाला के किसानों, मजदूरों और महिलाओं ने आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार द्वारा किसान संगठनों को घर बुलाकर किए गए दुर्व्यवहार का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हल्का भदौड़ के विधायक लाभ सिंह उगोके की रिहाइश के सामने धरना देकर जमकर नारेबाजी की।
विभिन्न नेताओं ने संबोधन करते हुए कहा कि 3 मार्च की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री पंजाब द्वारा किसान नेताओं के प्रति अपमानजनक व्यवहार और बैठक से वॉक आउट करने का घटिया रवैया अपनाया गया। पंजाब सरकार द्वारा जारी की गई नई कृषि नीति के मसौदे को किसानों द्वारा प्रस्तावित संशोधनों सहित पास करके तुरंत लागू करने सहित 18 सूत्री मांग पत्र में पंजाब से संबंधित सभी जायज मांगों को तुरंत मानकर लागू करने की मांग की गई थी।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह मोर्चा सिर्फ पंजाब सरकार के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसकी सबसे पहली मांग में कृषि बाजारीकरण नीति ढांचे को केंद्र सरकार द्वारा रद्द करने सहित काले कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली मोर्चे के दौरान सरकारी चिट्ठी के जरिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित मानी और लटकी हुई सभी मांगों को लागू किया जाए।
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा। इस मौके पर पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। इस अवसर पर संयुक्त किसान मोर्चे के जिला कनवीनर राजिंदर सिंह दराका, भाकियू एकता उग्राहां जिला अध्यक्ष चमकौर सिंह नैनेवाल, जनरल सेक्रेटरी जरनैल सिंह बदरा, भाकियू एकता डकौंदा धनेर जिला अध्यक्ष कुलवंत सिंह भदौड़, मीट अध्यक्ष हरमंदल सिंह जोधपुर जिला मीट अध्यक्ष दर्शन सिंह मेहता, जगसीर सिंह सीरा सहिणा, भारतीय किसान यूनियन लखोवाल के जिला अध्यक्ष रणजीत सिंह रूड़ेके, भाकियू कादियां के जिला जनरल सेक्रेटरी जसमेल सिंह कालेके, रूप सिंह ढिलवां पंजाब किसान यूनियन सीनी, मीट अध्यक्ष माल बिंदर सिंह संधू कलां, ऑल इंडिया किसान सभा गुरमेल शर्मा, कुल हिंद मजदूर यूनियन जिला सेक्रेटरी बलवीर सिंह हंडियाया, बीकेयू कादियां के ब्लॉक अध्यक्ष जसवीर सिंह सुखपुरा, रूपिंदर सिंह भिंडा टलेवाल जनरल सेक्रेटरी ब्लॉक शहिणा, जसमेल सिंह कालेके जिला जनरल सेक्रेटरी, बेअंत सिंह सुखपुरा, गुरप्रीत सिंह ढिलवां, बूटा सिंह ढिलवां, क्रांति यूनियन के जिला नेता मनजीत सिंह राय, बिंदर पाल कौर भदौड़, लखवीर कौर धनौला, चरनजीत कौर, मनवीर कौर बरनाला, मनजीत कौर कालेके, रणजीत कौर पट्टी सेखवां, परमजीत कौर, राज सिंह सिद्धू तपा बीकेयू उग्राहां जग्गा सिंह औजला बीकेयू उग्राहां तपा आदि नेता मौजूद थे।