Farmers Protest : डल्लेवाल का आमरण अनशन 17वें दिन भी जारी, किसानों की मांगों को लेकर PM को लिखा पत्र
चंडीगढ़, 12 दिसंबर (भाषा)
Farmers Protest : पंजाब के किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन वीरवार को 17वें दिन में प्रवेश कर गया है। डल्लेवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखकर कहा कि प्रत्येक किसान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करना जीने के मौलिक अधिकार जैसा है। डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी सीमा पर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
डल्लेवाल फसलों के लिए एमएसपी पर कानूनी गारंटी सहित किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बना रहे हैं। इस बीच, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत और हरिंदर सिंह लखोवाल शुक्रवार को डल्लेवाल से मिलने खनौरी सीमा जाएंगे। पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने केंद्र सरकार से किसानों के साथ सार्थक बातचीत शुरू करने का आग्रह किया ताकि उनके महत्वपूर्ण मुद्दों को हल किया जा सके।
डल्लेवाल की चिकित्सा जांच करने के लिए खनौरी सीमा पहुंचे चिकित्सक ने बताया कि किसान नेता की हालत बिगड़ रही है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत है। चिकित्सक ने बताया कि लंबे समय तक अनशन के कारण डल्लेवाल कमजोर हो गए हैं। डल्लेवाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि यह लड़ाई एमएसपी के लिए है। यह पंजाब के भविष्य और प्रदेश के पानी को बचाने की लड़ाई है। इस लड़ाई को जीतना जरूरी है।
डल्लेवाल ने लोगों से बड़ी संख्या में आंदोलन में शामिल होने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि सरकार तब बातचीत के लिए आएगी जब उसे पता चलेगा कि किसानों का आंदोलन खत्म नहीं किया जा सकता और किसान नेताओं को धरना स्थल से नहीं हटाया जा सकता। बाद में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने डल्लेवाल द्वारा प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र जारी किया, जिस पर उन्होंने (डल्लेवाल) अपने खून से हस्ताक्षर किए हैं।
डल्लेवाल ने लिखा कि विभिन्न मांगों के समर्थन में उनका आंदोलन 13 फरवरी से पंजाब व हरियाणा के बीच खनौरी और शंभू सीमा पर जारी है। जिन मांगों को लेकर हमारा आंदोलन जारी है, वे सिर्फ हमारी मांगें नहीं बल्कि सरकारों द्वारा अलग-अलग समय पर किए गए वादे हैं। डल्लेवाल ने इस बात पर निराशा जताई कि केंद्र सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार ‘सी2 प्लस 50' प्रतिशत का फार्मूला अब तक लागू नहीं किया गया है।
उन्होंने आगे लिखा है कि 2020-21 में किसानों द्वारा आंदोलन किए जाने के बाद केंद्र ने हर किसान के लिए एमएसपी सुनिश्चित करने समेत कई वादे किए थे लेकिन वे अब तक पूरे नहीं हुए। हर किसान के लिए एमएसपी सुनिश्चित करना जीने के मौलिक अधिकार जैसा है। एमएसपी पर कानून न बनाकर केंद्र सरकार करोड़ों किसानों को गरीबी, कर्ज और मौत की ओर धकेल रही है। मैंने किसानों की मौत को रोकने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने का फैसला किया है।
मुझे उम्मीद है कि मेरे मरने के बाद केंद्र सरकार नींद से जागेगी और एमएसपी पर कानून समेत हमारी 13 मांगों को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ेगी। अगर उनकी मौत होती है तो इसकी जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी। पंजाब विधानसभा अध्यक्ष संधवान ने केंद्र सरकार से किसानों के साथ सार्थक बातचीत शुरू करने का आह्वान किया ताकि उनके महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान किया जा सके।