Farmers Protest : तीसरी बार भी प्रयास रहा नाकाम...‘दिल्ली कूच' एक दिन के लिए स्थगित, 16 को निकलेगा ट्रैक्टर मार्च
शंभू बॉर्डर/चंडीगढ़, 14 दिसंबर (भाषा)
Farmers Protest : पंजाब से लगती हरियाणा की सीमा (शंभू बॉर्डर) पर शनिवार को दिल्ली की ओर बढ़ रहे किसानों के समूह को तितर-बितर करने के दौरान सुरक्षाकर्मियों द्वारा छोड़े गए आंसूगैस के गोले और पानी की बौछारों से कुछ प्रदर्शनकारियों के घायल होने के बाद कृषक संगठनों ने 'दिल्ली चलो' मार्च को एक दिन के लिए स्थगित कर दिया।
प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने 16 दिसंबर को पंजाब के अलावा अन्य राज्यों में ट्रैक्टर मार्च निकालने और 18 दिसंबर को पंजाब में 'रेल रोको' आंदोलन का ऐलान किया। पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बताया कि आंदोलन की अगुवाई कर रहे (किसान संगठनों के) दोनों मंचों ने ‘‘जत्थे का मार्च रोकने'' का फैसला किया है।
संसद में किसानों के मुद्दे पर चर्चा नहीं
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों की कार्रवाई में 17 किसान घायल हुए हैं। दोनों मंचों ने आज के लिए जत्थे को वापस बुलाने का निर्णय लिया है और बैठक के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी। पंधेर ने सवाल किया, '' देश की शांति व कानून-व्यवस्था के लिए 101 किसान कैसे खतरा हो सकते हैं? आप संविधान पर (संसद में) चर्चा कर रहे हैं। कौन सा संविधान किसानों के खिलाफ बल प्रयोग की इजाजत देता है। संसद में किसानों के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की जा रही।
अगले कदम के बारे में पंधेर ने कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर अन्य राज्यों में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। 18 दिसंबर को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक पंजाब में ‘रेल रोको' विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) के बैनर तले किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी सहित विभिन्न मांगों को लेकर दबाव बना रहे हैं। वे केंद्र पर अपने मुद्दों के समाधान के लिए उनके साथ बातचीत शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
किसानों द्वारा राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च करने का यह तीसरा प्रयास था। इससे पहले उन्होंने छह और आठ दिसंबर को भी इसी तरह के दो प्रयास किए थे, लेकिन हरियाणा में सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी थी। मार्च को फिर से शुरू करने से पहले हरियाणा सरकार ने शनिवार को ''शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए'' अंबाला के 12 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और एक साथ एसएमएस प्रेषित करने की सेवाओं को 17 दिसंबर तक निलंबित कर दिया था।
अंबाला जिला प्रशासन ने पहले ही भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है। इसके तहत पांच या अधिक लोगों के गैरकानूनी रूप से एकत्र होने पर रोक होती है। किसान नेता मंजीत सिंह राय ने आरोप लगाया कि सुरक्षाकर्मियों ने रबर की गोलियां भी चलाईं जिसमें एक किसान गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों मंचों ने आज के लिए जत्थे को वापस बुलाने का निर्णय लिया है और बैठक के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।