For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

परमपाल मलूका के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन, अकाली नेता के घर ली शरण

07:58 AM Apr 20, 2024 IST
परमपाल मलूका के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन  अकाली नेता के घर ली शरण
Advertisement

बठिंडा, 19 अप्रैल (निस)
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर शुक्रवार को किसान संगठनों द्वारा भाजपा नेताओं का घेराव किया गया। मानसा में भी भारतीय किसान यूनियन उगराहां ने भाजपा के दफ्तर के बाहर धरना प्रदर्शन किया। वहीं बठिंडा से लोकसभा उम्मीदवार परमपाल कौर भी आज मानसा के दौरे पर हैं और उनका भी किसान संगठनों द्वारा विरोध किया गया। मानसा में वन वे रोड पर उस वक्त तनावपूर्ण माहौल हो गया जब पुलिस ने किसानों को बैरिकेडिंग पर ही रोकना चाहा।
इस दौरान पुलिस और किसानों में झड़प भी हो गई। मानसा के बुढलाडा में भी भाजपा के जिला अध्यक्ष के कार्यालय बैठक के दौरान पहुंची लोकसभा क्षेत्र बठिंडा से भाजपा उम्मीदवार परमपाल कौर मलूका को किसानों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।
पुलिस ने भाजपा नेता के कार्यालय की ओर जाने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग लगाकर किसानों को रोक दिया। सभा खत्म करने के बाद पुलिस ने भाजपा प्रत्याशी को संकरी गलियों से अपनी गाड़ी तक ले जाने की कोशिश की, इसी बीच परमपाल कौर को गाड़ी का इंतजार करने के लिए शिरोमणि अकाली दल बादल के पूर्व पार्षद गुरविंदर सिंह सोनू के घर में शरण लेनी पड़ी। पूर्व पार्षद की पत्नी बलजीत कौर और बेटा सरबजीत सिंह घर में मौजूद रहे। इस मौके पर उनके साथ एसपी भी थे।

Advertisement

शम्भू रेलवे ट्रैक तीसरे दिन भी रहा जाम

राजपुरा (निस): किसान मजदूर मोर्चा एवं गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा दोनों मंचों के आह्वान पर किसान मजदूर मोर्चा के नेता बलवंत सिंह बेहरामके, मंजीत सिंह घुमाना ने बताया कि एक माह तक हरियाणा के युवाओं नवदीप सिंह जलवेड़ा, गुरकीरत सिंह, अनीस खटकड़ को रिहा न करने के खिलाफ धरना तीसरे दिन भी जारी रहा। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों के साथ कई बैठकें करने के बाद दोनों मंचों ने 17 अप्रैल को निर्णय लिया कि शम्भू रेलवे ट्रैक पर अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरू किया जायेगा, जो शुक्रवार को जारी रहा। घुमाना और बहरामके ने किसानों की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी देश में युद्ध का बिगुल बजता है तो सरकार की खराब नीतियों के कारण ही किसान और मजदूर सड़कों व रेलवे ट्रैक पर बैठते हैं।

Advertisement
Advertisement
Advertisement