जटवाड़ा के किसानों को जलभराव का मिलेगा मुआवजा
चंडीगढ़, 28 फरवरी (ट्रिन्यू)
सोनीपत शहर में नगर निगम द्वारा बनाई जा रही ड्रेन का काम पूरा नहीं होने की वजह से लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। जटवाड़ा गांव के अलवा जाहरी गांव के किसानों की जमीन में जलभराव की वजह से वे चार वर्षों से खेती नहीं कर पा रहे। इन किसानों को सरकार नुकसान का मुआवजा देगी। साथ ही, ड्रेन निर्माण में हुई देरी और विभागों के बीच चल रहे विवाद की सरकार जांच करवाएगी। सोनीपत से कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि 2017 में ड्रेन का काम शुरू हुआ था। इसके बाद ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। 2020 में नये ठेकेदार ने इसका काम शुरू किया, लेकिन वह भी अभी तक पूरा नहीं हुआ है। लोगों के घरों में सीवर का पानी घुस रहा है। जटवाड़ा गांव के किसानों की करीब 70 एकड़ भूमि में खेती नहीं हो रही। जाहरी गांव के खेतों में जलभराव की समस्या इस ड्रेन की वजह से आई।
दोषी के खिलाफ होगी कार्रवाई : गुप्ता
निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता ने विधायक पंवार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने तय किया है कि किसानों के हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा नुकसान का आकलन मौके पर जाकर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार ने अमरूत योजना के तहत यह काम शुरू करवाया है। इसमें हुई देरी के लिए जांच करवाने की बात भी कमल गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि इस मामले में जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जमीन की उपलब्धता बिना जारी हुए टेंडर
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : यमुनानगर में बरसाती पानी की निकासी के लिए नाले के निर्माण के टेंडर सरकार ने बिना अध्ययन किए ही जारी कर दिए। निगम के इस प्रोजेक्ट के लिए प्राइवेट एजेंसी ने कार्ययोजना तैयार की थी। इसमें प्राइवेट जमीन को भी शामिल कर लिया गया। नौ महीने में पूरा होने वाला यह प्रोजेक्ट चार साल में भी पूरा नहीं हो पाया। यमुनानगर से भाजपा विधायक घनश्याम दास अरोड़ा के सवाल पर निकाय मंत्री ने कहा कि राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग से नोटिफिकेशन जारी होने के पांच महीने बाद इसे पूरा कर दिया जाएगा। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि जब जमीन ही उपलब्ध नहीं थी तो इसके टेंडर कैसे जारी हो गए। इसकी जांच करवाई जाए।
सड़कों से बिजली कंपनियां अपने खर्चे पर हटाएंगी खंभे
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा में बजट सत्र के अंतिम दिन बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि सड़कों का चौड़ाकरण करते समय बीच में आने वाले बिजली के खंभों को अब ट्रांसमिशन कंपनियां स्वयं अपने खर्चे पर हटाएंगी। पहले संबंधित विभाग को बिजली के खंभे हटाने के लिए नोटिस दिया जाता था। एक और घोषणा करते हुए सीएम ने कहा कि सरकार ने आबकारी नीति में प्रावधान किया था कि पहली मार्च से डिस्टलरीज प्लास्टिक की बोतलों की बजाय कांच की बोतलों में शराब की सप्लाई करेगी। यह फैसला इसलिए लिया है ताकि डिस्टलरीज को किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा चलाई जा रही प्रॉपर्टी आईडी की व्यवस्था की केंद्र सरकार ने सराहना की है और इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने 150 करोड़ रुपये की ग्रांट दी है।