Farmers movement डल्लेवाल के आमरण अनशन से किसान आंदोलन ने पकड़ी रफ्तार
जींद, 17 दिसंबर (हप्र)
Farmers movement जींद की जाट धर्मशाला में मंगलवार को चार राज्यों के किसान नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में किसान संघर्ष समिति, जनता सरकार मोर्चा और राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन के प्रति समर्थन जताना और सरकार को चेतावनी देना था। मध्य प्रदेश के किसान नेता शिवकुमार कक्का ने कहा कि अगर सरकार ने जल्द ही आमरण अनशन कर रहे जगजीत डल्लेवाल की मांगों पर बातचीत नहीं की, तो यह आंदोलन पंजाब और हरियाणा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि देशव्यापी रूप ले लेगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी पर गारंटी कानून किसानों का अधिकार है, लेकिन सरकार अपने वादे से मुकर रही है। कक्का ने कहा कि किसान संगठनों के विचार भले अलग हों, लेकिन एमएसपी के मुद्दे पर सभी किसान एकजुट हैं।
Farmers movement केरल के किसान नेता केवी बीजू ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह का एमएसपी में 40 प्रतिशत बढ़ोतरी का दावा निराधार है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार अनशन खत्म कराने के लिए कदम नहीं उठाती, तो दक्षिण भारत में भी आंदोलन तेज होगा। ओडिशा के सचिन महापात्रा और बुंदेलखंड के मनीष राजा ने कहा कि किसान आंदोलन अब सिर्फ एक क्षेत्र का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानों की लड़ाई है। बैठक में तय किया गया कि अगर सरकार ने जल्द समाधान नहीं निकाला तो किसान आंदोलन को और मजबूत कर देशव्यापी किया जाएगा। बैठक में कई किसान नेता जैसे शिवकुमार कक्का, केवी बीजू, सचिन महापात्रा, अक्षय नरवाल, प्रियंका खरकरामजी, संदीप चहल, नरेंद्र बूरा, सुशील नरवाल और सुमित लाठर शामिल रहे।
सभी संगठन एक मंच पर आएं
हरियाणा के किसान नेता अक्षय नरवाल ने कहा कि बड़े आंदोलन को सफल बनाने के लिए सभी किसान संगठनों को एक मंच पर आना होगा। संदीप चहल ने कहा कि एमएसपी का मुद्दा आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए जीवन-मरण का सवाल है। वहीं प्रियंका खरकरामजी ने कहा कि हरियाणा की खाप पंचायतें और सभी किसान संगठन पूरी तरह से आंदोलन के साथ हैं। किसान नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकार बातचीत का दावा तो करती है, लेकिन 22 दिन से आमरण अनशन पर बैठे जगजीत डल्लेवाल की सुध तक नहीं ले रही। उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष समिति और अन्य संगठन राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन को तेज करेंगे।