किसानों ने अनाज मंडी पर जड़ा ताला, आश्वासन के बाद खोला
सोनीपत, 3 अप्रैल (हप्र)
गन्नौर स्थित अनाज मंडी में सरसों बेचने में आ रही परेशानी के विरोध में किसानों ने मंडी के गेट पर ताला जड़ दिया। उन्होंने एक घंटे तक नारेबाजी करते हुए धरना दिया और मार्केट कमेटी के सचिव को ज्ञापन सौंपा। वहीं जिले की मंडियों में 4297 क्विंटल सरसों की खरीद हुई, इनमें सबसे ज्यादा गन्नौर मंडी में 1469 क्विंटल सरसों खरीदी गई। बुधवार को किसानों ने भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के युवा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र पहल के नेतृत्व में मंडी के गेट पर धरना दिया और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। मंडी के गेट पर ताला लगाने की सूचना पर गन्नौर थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने मार्केट कमेटी सचिव को बुलाया, तब जाकर किसानों ने गेट खोला। किसानों का आरोप है कि मंडी में कमीशन लेकर सरसों को पास किया जा रहा है। कुछ किसानों से सरकारी रेट पर सरसों खरीदने के बदले सरसों या पैसे लिए जा रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने मार्केट कमेटी सचिव को लिखित शिकायत सौंपी।
भाकियू के युवा जिलाध्यक्ष विरेंद्र पहल ने बताया कि मंडी में कुछ आढ़तियों ने किसानों को लूटने का अड्डा बना रखा है। पिछले साल भी यह मामला सामने आया था। उन्होंने सरकार से ‘मेरी फसल मेरा ब्योरा’ पोर्टल अनिश्चितकाल के लिए खोलने और किसानों को आ रही समस्याओं का समाधान करवाने की मांग की है। विरेंद्र पहल ने कहा कि अगर सरकार मांगों को गंभीरता से नहीं लेती है तो जिलेभर में किसान आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
सरसों खरीद के बाद किसानों को 5.91 करोड़ रुपये का भुगतान किया : जिले की मंडियों में हैफेड की ओर से अब तक 17 हजार क्विंटल से ज्यादा सरसों खरीदी जा चुकी है जिसमें से 10 हजार क्विंटल सरसों का उठान किया गया है और किसानों को 5.91 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। मंडियों में रोजाना सरकारी सरसों की आवक व खरीद प्रक्रिया जारी है। जिले की मंडियों में बुधवार को 4297 क्विंटल से ज्यादा की खरीद की गई। इसमें गन्नौर मंडी में 1469 क्विंटल, सोनीपत मंडी में 1265 क्विंटल, गोहाना मंडी में 1163 क्विंटल और खरखौदा मंडी में 300 क्विंटल की सरसों की खरीद की गई। अधिकारियों ने किसानों को फसल सुखाकर लाने की अपील की।
''प्रदेश में सबसे ज्यादा खरीद गन्नौर मंडी में हो रही है। वहीं नियमानुसार जिस सरसों की फसल में नमी है, फसल को सुखाने के बाद खरीद की जा रही है। किसानों की ओर से लगाए जा रहे आरोप गलत हैं।''
-उमाकांत शर्मा, जिला प्रबंधक, हैफेड