शुभकरण की अस्थियां लेकर किसान मध्य प्रदेश रवाना
राजपुरा, 6 अप्रैल (निस)
पंजाब के खनौरी बाॅर्डर पर अपनी मांगों को लेकर डटे किसान शनिवार को शुभकरण की अस्थियां लेकर बिहार व मध्य प्रदेश रवाना हुए। इस मौके पर किसान जत्थेबंदियों के नेताओं ने शुभकरण अमर रहे के नारे लगाये। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह घुमाणा ने बताया कि शुभकरण की शहादत कभी व्यर्थ नहीं जायेगी। उनका बलिदान किसानों में नया जोश भरेगा ओर किसानों की मांगे जब तक मोदी सरकार पूरी नहीं कर देती किसान शंभू व खनौरी बाॅर्डर पर डटे रहेंगे। इस मौके पर अस्थियां लेकर जा रहे मध्य प्रदेश के किसान नेता व बिहार के नेता संजय कुमार ने बताया शुभकरण की अस्थियां लेकर हम मध्य प्रदेश व बिहार में जनसभा करेंगे और वहां के लोगों को बताएंगे कि केंद्र सरकार किसानों के साथ कितनी धक्केशाही कर रही है।
एक और किसान की मौत
संगरूर (निस) : भारतीय किसान यूनियन एकता सिधूपुर से जुड़े एक किसान की खनौरी बॉर्डर पर धुएं के कारण मौत हो गई। ब्लॉक अध्यक्ष भूरा सिंह सलेमगढ़, महासचिव रामफल सिंह जलूर और कोषाध्यक्ष लखविंदर सिंह डूडियन ने कहा कि निकटवर्ती गांव भुटाल में संगठन इकाई के नेता सरबन सिंह खनौरी के पुत्र काका सिंह 13 फरवरी तारीख को खनौरी बार्डर पर चले गए थे। 21 फरवरी को पुलिस द्वारा छोड़े गए गैस के गोलों से उनका दम घुटने लगा था। काका सिंह लंबे समय से एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। शनिवार को उनका निधन हो गया। उनके गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर ब्लॉक अध्यक्ष भूरा सिंह सलेमगढ़, भोला सिंह डुडियन, नाहर सलेमगढ़, काका सिंह सलेमगढ़, रामफल भट्टल कलां, चमकौर सिंह ढींढसा, बलविंदर सिंह अध्यक्ष मौजूद रहे।
किसानों को रिहा करे हरियाणा : डल्लेवाल
संगरूर (निस) : गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खनौरी बाॅर्डर पर कहा कि भाजपा नेताओं में किसानों के सवालों का जवाब देने की क्षमता नहीं है और किसानों का सामना करने की हिम्मत नहीं है, इसलिए भाजपा सरकार ने किसानों को गिरफ्तार किया। उन्होंने हरियाणा सरकार को चेतावनी दी कि अगर हरियाणा में गिरफ्तार किसान नेताओं को तुरंत रिहा नहीं किया गया तो किसान सख्त कदम उठाने को मजबूर होंगे। डल्लेवाल ने कहा कि गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा द्वारा दिये गये कार्यक्रम को पूरे भारत में लागू किया जाएगा, जिसके तहत किसान भाजपा नेताओं से पूछेंगे कि उन्होंने एमएसपी की गारंटी की मांग पूरी क्यों नहीं की।