किसान मेले में उमड़े किसान, गेहूं की उन्नत किस्मों के बीज की भारी मांग
करनाल, 22 अक्तूबर (हप्र)
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान करनाल के तत्वाधान में प्राकृतिक खेती आधारित किसान मेला एवं बीज दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से आए हजारों किसानों ने भाग लिया। संस्थान द्वारा ईजाद की गई गेहूं की उन्नत किस्मों के बीज किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हैं, क्योंकि ये प्राकृतिक आपदाओं को सहन करने की क्षमता रखते हैं और उनकी पैदावार भी अधिक होती है। यही वजह है कि भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित गेहूं की किस्मों की देशभर के किसानों में भारी मांग है।
मंगलवार को भी संस्थान में बीज लेने के लिए किसान लंबी-लंबी लाइनों में नजर आए। संस्थान ने किसानों को बीज देने के लिए अच्छी व्यवस्था की है। बीज के लिए प्रतिदिन किसानों को क्षेत्रवार बुलाया जा रहा है, जिन्हें उन्नत किस्मों के बीज के साथ नव-तकनीकी ज्ञान भी प्रदान किया जा रहा है।
भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश अहलावत ने बताया कि इस किसान मेले एवं बीज दिवस के चौथे दिन हरियाणा राज्य से आए आईआईडब्ल्यूबीआर बीज पोर्टल पर पंजीकृत किसानों को विभिन्न किस्मों का गेहूं का बीज वितरित किया गया।
अधिक पैदावार की बताई तकनीक
तकनीकी भाषण के दौरान डॉ. अनिल खिप्पल ने गेहूं एवं जौ की अधिक पैदावार लेने की तकनीक बताई। डॉ. प्रेम लाल ने गेहूं एवं जौ की बीमारियों और उनके रोकथाम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. नीरज कुलश्रेठ ने कल्लर भूमि में उगाई जाने वाली गेहूं की किस्मों की जानकारी दी। प्रो. कामिनी कुमारी ने मृदा स्वास्थ्य और प्राकृतिक खेती के घटकों के बारे में बताया। युवा वैज्ञानिक डॉ. नीरज कुमार ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के गुर बताए। डॉ. अमित कुमार शर्मा ने बताया कि विभिन्न प्रांतों के किसानों में भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान, करनाल की उन्नत प्रजातियों को लेकर भरपूर उत्साह है। संस्थान के सभी वैज्ञानिकों ने शिरकत की और किसानों के सभी सवालों के जवाब दिए।