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सुरंग अधिगृहीत भूमि का मुआवजा मांग रहे किसान

08:41 AM Jan 23, 2024 IST
तावडू के निर्माणाधीन आर्बिटल रेलवे लाइन के लिए बनायी जाने वाली सुरंग के लिए अधिगृहीत भूमि के मुआवजे के लिए धरना देते किसानों का समर्थन करने पहुंचे कांग्रेस नेता डॉ. शमसुद्दीन। -हप्र

गुरुग्राम, 22 जनवरी (हप्र)
तावडू के निर्माणाधीन आर्बिटल रेलवे लाइन के लिए बनायी जाने वाली सुरंग के लिए अधिगृहीत की गई भूमि के मुआवजे के लिए किसानों का धरना जारी है। किसानों के धरने में क्षेत्र के विपक्षी नेताओं का पहुंचना भी जारी है। मांगों को लेकर किसान एक फरवरी को महापंचायत भी करेंगे। 24वें दिन धरनास्थल पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं पूर्व प्रत्याशी डॉ. शमशुद्दीन पहुंचे। भारतीय किसान यूनियन के बैनर के तले धरना दे रहे किसानों से अधिग्रहण की गई भूमि को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। इसके लिये केंद्र व प्रदेश की भाजपा सरकार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया गया। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार किसान विरोधी है, जो कुछ खास उद्योगपतियों के इशारे पर काम कर रही है।
धरना प्रदर्शन आयोजक कमेटी से जुड़े आबिद ने बताया कि 24वें दिन भी किसानों का धरना जारी है। भारतीय किसान यूनियन के सहयोग से चल रहे धरने को विपक्ष का समर्थन मिल रहा है। बीते 10 जनवरी को इंडियन नेशनल लोकदल के नेता करण चौटाला धरना प्रदर्शन पर पहुंचे थे जिन्होंने किसानों के आंदोलन को उचित ठहराया था। इससे पहले भारतीय किसान यूनियन हरियाणा युवा अध्यक्ष रवि आजाद भी धरनास्थल पर पहुंचकर समर्थन दे चुके हैं। वह भी कह चुके हैं कि यदि 30 जनवरी तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आगामी एक फरवरी को बड़ी पंचायत का आयोजन होगा जिसमें रेल लाइन निर्माण कार्य को भी रोका जा सकता है।
धरनास्थल पर इससे पहले पूर्व विधायक शाहिदा खान, युवा नेता अजरूद्दीन वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सतबीर पहलवान समेत कई नेता किसानों को अपना समर्थन दे चुके हैं। तावडू उपमंडल की सीमा से गुजर रहे कुंडली मानेसर पलवल एक्सप्रेस-वे के साथ ऑर्बिटल रेलवे लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। ग्राम पंचायत सहसोला समेत आसपास के 6 गांवों की भूमि रेल लाइन के लिए अधिग्रहण की गई है जिसमें करीब पांच किलोमीटर लंबी सुरंग बनाई जानी है। सुरंग के लिए किसानों की जो भूमि को अधिग्रहण की गई है उसके लिए कोई मुआवजा नहीं मिला जबकि किसानों का तर्क है कि इससे पहले वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए अधिग्रहण भूमि और सुरंग के लिए मुआवजा दिया गया था। यही गतिरोध किसान और सरकारों के बीच बना हुआ है। किसान कई बार प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन समाधान नहीं हुआ। रेलवे बोर्ड का तर्क है कि सुरंग के लिए अधिग्रहण की गई भूमि का मुआवजा नहीं दिया जाता है। इसी गतिरोध के चलते क्षेत्र के करीब 6 गांवों के किसान अपनी मांगों को लेकर 29 दिसंबर से किरूरी मोड़ पर धरना दे रहे हैं।

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