किसानों ने एचएसआईआईडीसी कार्यालय पर काटा बवाल
रेवाड़ी, 2 जनवरी (हप्र)
एचएसआईआईडीसी द्वारा वर्ष 2006 में बावल औद्योगिक क्षेत्र के सेक्टर-24 को विकसित करने के उद्देश्य से अधिग्रहीत की गई 9 गांवों की जमीनों की रॉयल्टी नहीं मिलने से रोषित किसानों ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार मंगलवार को एचएसआईआईडीसी पर जमकर बवाल काटा और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। किसानों के रोष को देखते हुए अधिकारी कार्यालय से गायब हो गए। किसानों ने कार्यालय की तालाबंदी करने की चेतावनी दी है।
बावल के एचएसआईआईडीसी कार्यालय के समक्ष सुबह लगभग 11 गांवों के किसान जमा हुए। इन किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन विभाग ने 2006 में अधिग्रहीत की थी और 33 सालों तक रॉयल्टी देने का प्रावधान किया गया था। कार्यालय पहुंचे किसान कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंंह बनीपुर, महेश पातूहेड़ा, सवाई सिंह चिराहड़ा, पूर्व सरपंच सुमेर, चरण सिंह, रणधीर सिंह ने कहा कि उन्हें पिछले 4 साल से रॉयल्टी नहीं मिल रही है, बल्कि जमीन की दी गई एन्हांसमेंट की रिकवरी के नोटिस दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर किसानों द्वारा मुख्यमंत्री, केंद्रीय राज्यमंत्री राव इंद्रजीत सिंह, बावल के मंत्री डा. बनवारी लाल, उपायुक्त राहुल हुड्डा और विभाग के एजीएम अशोक कुमार को लिखित ज्ञापन दिए गए थे। रविवार को किसानों की हुई पंचायत में निर्णय लिया गया था कि महापंचायत बुलाई जाएगी।
इस अवसर पर जुगलाल, सतपाल प्रधान, पूर्व सरपंच राजेश आसलवास, भजन लाल, महेन्द्र बावल, दिलबाग करनावास, रामफल, होश्यार, सुठानी, धनपत जलियावास आदि उपस्थित थे।
भीड़ देख एजीएम कार्यालय से खिसके
एजीएम अशोक कुमार ने बातचीत के लिए मंगलवार को कार्यालय बुलाया था। लेकिन किसानों की भारी भीड़ को देखकर अधिकारी कार्यालय से गायब हो गए जिससे किसानों में रोष पैदा हो गया। उन्होंने कहा कि कई घंटे तक कार्यालय के समक्ष किसानों ने धरना दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही रॉयल्टी नहीं दी गई तो कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी। जब कोई अधिकारी कार्यालय में नहीं पहुंचा तो सभी किसान बावल के एसडीएम जितेंद्र कुमार के पास पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। एसडीएम ने उन्हें आश्वासन दिया कि ज्ञापन को संबंधित विभाग के पास भेज दिया जाएगा।